उदयपुर.राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. शेलैन्द्र पण्डया और जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.राजीव पचार की उपस्थिति में बाल संरक्षण से संबंधित समन्वय बैठक का आयोजन पुलिस लाइन सभागार में आयोजित किया गया. इस दौरान डॉ. पण्डया ने राजस्थान राज्य में बाल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ ही जिला स्तर पर बेहतर कार्ययोजना के लिए सुझाव दिए.
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वहीं एसपी डॉ. पचार ने बताया कि उदयपुर जिले में बाल संरक्षण के लिए पुलिस विभाग के साथ ही अन्य विभागों और स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से निरन्तर प्रयास किए जाते रहे हैं, इसके साथ ही उन्होने बताया कि पुलिस की ओर से विभिन्न अभियानों के माध्यम से जिले में बाल श्रम में लिप्त बालकों के रेस्क्यू अभियान संचालित कर नियोजकों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए है, साथ ही कहा कि रेस्क्यू किए गए बालकों के पुनर्वास और उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए सभी विभागों का समन्वित प्रयास आवश्यक है.
बता दें कि इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप सूत्रकार ने प्राधिकरण की ओर से वर्तमान समय में बाल विवाह की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान की जानकारी प्रतिभागियों को दी. वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति शर्मा ने रेंज पुलिस और यूनिसेफ के सहयोग से संचालित कॉम्बेट कार्यक्रम अन्तर्गत प्रस्तावित गतिविधियों के बारे में बताया. इसके साथ ही यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत ने बताया कि यूनिसेफ की ओर से वर्ष 2021 को अर्न्तराष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.
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वहीं उन्होंने जिले के लिए प्रारूप कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए सभी प्रतिभागियों से सुझाव लिए. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक धर्मेंद्र जोशी, संयुक्त श्रम आयुक्त पी.पी.शर्मा और बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक मीना शर्मा ने भी अपने विचार रखे. इस बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कविया, पुलिस उपाधीक्षक चेतना भाटी और डूंगरसिंह चुण्डावत, मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ के प्रभारी मुकेश, आसरा विकास संस्थान के भोजराज सिंह, मनु सेवा संस्थान की गुणमाला चेलावत सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं और बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों ने विचार रखे. वहीं कॉम्बेट कार्यक्रम के आकाश उपाध्याय ने आभार जताया.