उदयपुर. प्रदेश की धरियावद विधानसभा (Dhariawad assembly seat) सीट पर मतगणना जारी है. हालांकि मतगणना अपने अंतिम पड़ाव पर है. यहां से कांग्रेस भारी बहुमत के साथ जीत रही है. धरियावद विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ हुआ करता था. जिसको कांग्रेस ने इस उपचुनाव में ध्वस्त करने का काम किया है. कांग्रेस के नागराज मीणा को जहां पिछले 2 चुनाव में हार मिली, लेकिन इस उपचुनाव में उन्होंने पार्टी को जीत दिलाई है.
धरियावद विधानसभा सीट पर जहां सभी समीकरण भाजपा के खिलाफ होते हुए नजर आए. इस सीट पर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. जहां इस सीट पर कमान संभाल रहे थे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के अलावा अन्य दिग्गज नेता मैदान में जुटे हुए थे. लेकिन इस सीट को भाजपा बरकरार रखने में असफल रही.
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हालांकि उप चुनाव से पूर्व टिकट बंटवारे में जहां स्वर्गीय विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल का भाजपा को टिकट काटना भी कहीं ना कहीं भारी पड़ गया. यही वजह है कि कन्हैया लाल के समर्थकों के वोट भी भाजपा को इस चुनाव में मिले हैं.
सीएम गहलोत के चुनाव प्रचार ने बदल दिया समीकरण
उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां चुनाव में नामांकन के अलावा तीन सभाओं को संबोधित किया. जिसका फैक्टर भी इस पूरे चुनाव क्षेत्र में देखने को मिला. वहीं मुख्यमंत्री गहलोत एक इस दौरान स्वर्गीय विधायक गौतम लाल मीणा के आवास पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. जिसे लेकर भाजपा के नेताओं ने उन पर राजनीति करने का आरोप लगाया था. लेकिन इस मुद्दे को कहीं ना कहीं कांग्रेस और मुख्यमंत्री ने जमकर अपनी सभाओं में भुनाया है.
नेता प्रतिपक्ष कटारिया विफल रहे
स्वयं मुख्यमंत्री ने सभाओं में कहा कि गौतम लाल मीणा के आवास पर जाने को लेकर जिस तरह का भाजपा के राजनीति की यह सही नहीं थी. मैं प्रदेश का मुखिया हूं . मेरे लिए सभी विधायक समान है. ऐसे में मेरा एक साथी चला गया उसके निधन पर संवेदना प्रकट करना मेरा अधिकार है लेकिन राजेंद्र राठौड़ और अन्य नेताओं ने ट्वीट कर राजनीतिकरण का आरोप लगाया था इस मुद्दे को लेकर भी खूब सियासत हुई थी.
हालांकि इस पूरे चुनाव में भाजपा के दो प्रमुख लीडर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जहां पूरी तरह से कमान संभाल रखी थी. कटारिया वल्लभनगर के बजाय धरियावद पर विशेष ध्यान दे रहे थे. वहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी यहां डेरा डाले हुए थे. लेकिन भाजपा के नेता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल पाने में असफल रहे. यही वजह है कि धरियावद की जनता ने दिल खोलकर कांग्रेस के प्रत्याशी को समर्थन दिया और नगराज मीणा भारी बहुमत से जीत दर्ज की है.