उदयपुर.प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को मेवाड़ के दौरे पर आएंगे. यहां आदिवासियों के बीच सीएम गहलोत अपना जन्मदिन मनाएंगे. इस दौरान कई गांवों का दौरा कर सीएम गहलोत महंगाई राहत शिविर का जायजा लेंगे. सीएम गहलोत के दौरे को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सीएम गहलोत दक्षिणी राजस्थान में अपना 72वां जन्मदिन मनाएंगे.
मुख्यमंत्री गहलोत का पूरा प्रोग्राम :मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 3 मई को उदयपुर दौरे पर रहकर झाड़ोल व कोटड़ा क्षेत्र और उदयपुर शहर में आयोजित महंगाई रहत कैंप का अवलोकन करेंगे. जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार 3 मई दोपहर 3.10 बजे उदयपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर 3.30 बजे कोटड़ा के घाटा गांव पहुंचेंगे. वहां महंगाई राहत कैंप और प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर का अवलोकन करेंगे.
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मुख्यमंत्री वहां से 4.45 बजे हेलीकॉप्टर से रवाना होकर शाम 5 बजे झाड़ोल पहुंचेंगे, यहां महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करेंगे. शाम 6.15 बजे झाड़ोल से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर 6.30 बजे उदयपुर के रेलवे ट्रेनिंग राउंड पहुंचेंगे और 6.45 बजे नगर निगम के सुखाड़िया रंगमंच में महंगाई रहत कैंप का अवलोकन करेंगे. मुख्यमंत्री गहलोत रात्रि विश्राम उदयपुर में ही करेंगे.
कलेक्टर ने लिया तैयारियों का जायजा :मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उदयपुर यात्रा के मद्देनजर आवश्यक तैयारियों को लेकर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा कोटड़ा के घाटा गांव व झाड़ोल पहुंचे. यहां उन्होंने हेलीपेड से लेकर शिविर स्थल तक कानून और सुरक्षा व्यवस्था के साथ अन्य व्यापक इंतजाम के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने मुख्यमंत्री की उदयपुर यात्रा और विभिन्न कार्यक्रमों को दृष्टिगत रखते हुए एक आदेश जारी कर कानून, सुरक्षा, कारकेड, यातायात, अग्निशमन, एम्बुलेंस, आवास, समन्वय-प्रोटोकॉल आदि व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न अधिकारियों को दायित्व सौंपे हैं.
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मेवाड़ पर विशेष फोकस :दरअसल, 28 विधानसभा सीटों वाला मेवाड़ राजस्थान की सत्ता में अपना विशेष दबदबा और महत्व रखता है. सीएम गहलोत निर्माण में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने के साथ मेवाड़-वागड़ के इलाके में सियासी पांव मजबूत करना चाहते हैं. वह लगातार आदिवासी सुदूर इलाकों में दौरा करते आ रहे हैं, क्योंकि सीएम गहलोत को पता है कि मेवाड़ से ही राजस्थान में सत्ता का रास्ता निकलता है. हालांकि 2018 के चुनाव में यह मिथक टूटता हुआ नजर आया. गुलाबचंद कटारिया के असम के गवर्नर बनने के बाद अब मेवाड़ में कांग्रेस अपना विशेष दबदबा कायम करना चाहती है.
यह है अब तक का परिणाम :2008 में परिसीमन के बाद उदयपुर संभाग की विधानसभा सीटें घटकर 28 हो गईं. इससे पहले ये 30 थीं. बात करें 1998 से लेकर 2018 के बीच हुए चुनावों की तो, सन् 1998 में कुल सीटें 30 थीं, तब कांग्रेस को 23, भाजपा को 4 और अन्य के खाते में 3 गईं. सन 2003 में कुल विधानसभा सीट 30 ही थीं. इसमें से कांग्रेस को 7, भाजपा को 21 और अन्य को दो मिलीं. सन 2008 कुल सीटें सिमट कर 28 पर आ गईं. इनमें कांग्रेस को 20, भाजपा को 6 और अन्य को 2 सीटें हासिल हुईं. सन 2013 में कुल सीट 28 थीं. यहां कांग्रेस को 2, भाजपा को 25 और अन्य के खाते में 1 गई. पिछले विधानसभा यानी 2018 में कुल 28 सीटें थीं. इसमें कांग्रेस को 10, भाजपा को 15 और अन्य को 3 मिलीं.