सोशल मीडिया पर पोस्ट कर युवक ने ली जिम्मेदारी उदयपुर.प्रदेश में अपराध के मामले तेजी से बढ़े हैं. जयपुर और जोधपुर में गैंगवार के बाद राजसमंद में पुलिस और हिस्ट्रीशीटर के बीच फायरिंग का मामला सामने आया तो वहीं अब झीलों की नगरी उदयपुर में भी खौफ परछाई तेजी से फैल रही है. जिसकी बानगी सोमवार को देखने को मिली. यहां रविवार रात को बजरंग दल के कार्यकर्ता की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई. हालांकि, वाकया के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है. लेकिन फिलहाल तक किसी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी है. पुलिस की ओर से बताया गया कि घटनास्थल के पास स्थित एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में दो युवक तेजी से भागते नजर आए थे, जिन्हें पुलिस संदिग्ध मानते हुए उनकी तलाश में जुटी है.
उदयपुर में बजरंग दल पदाधिकारी की गोली मार कर हत्या दुकान से बाहर आते ही मारी गोली -दरअसल, ये सनसनीखेज वारदात शहर की अंबामाता थाना क्षेत्र के रामपुरा चौराहे पर हुई. घटना के दौरान बजरंग दल के विभाग संयोजक राजेंद्र उर्फ राजू (42) फोन पर बात करते हुए दुकान से बाहर निकलकर अपनी कार की ओर बढ़ रहे थे, तभी दो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी. वारदात के दौरान वहां से एक बारात गुजर रही थी. ऐसे में शोरगुल का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया और धीरे से वहां से भाग निकले. फिलहाल हत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है. प्राथमिक जानकारी में सामने आया कि प्रॉपर्टी संबंधी रंजिश के चलते इस हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस की ओर से बताया गया कि राजेन्द्र परमार पर पहले से कई मामले दर्ज थे.
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बदमाशों ने किया तीन राउंड फायर -बदमाशों ने राजेंद्र उर्फ राजू पर तीन राउंड फायर किए थे. इसमें से एक गोली राजेन्द्र परमार की सिर पर लगी थी. जिससे उसकी मौत हो गई थी. पुलिस का कहना है कि राजेंद्र के दुकान के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में दो युवको को तेजी से भागते देखा गया था, जिन्हें पुलिस ने संदिग्ध माना है और उनकी तलाश शुरू कर दी गई है. लेकिन अभी तक बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला है.
प्राथमिक तौर पर सामने आई ये बातें -हत्या के पीछे की वजह तो फिलहाल सामने नहीं आ पाई है. लेकिन प्राथमिक तौर पर राजेंद्र उर्फ राजू की प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद के कारण हत्या की बात बताई जा रही है. बताया गया कि राजेंद्र के खिलाफ कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं. लेकिन बदमाशों ने इस वारदात को उस वक्त अंजाम दिया, जब दुकान के पास से एक बारात गुजर रही थी.ऐसे में बैंड के तेज साउंड के कारण थोड़ी दूर पर खड़े लोगों को भी इसका आभास नहीं हुआ. हालांकि जैसे ही लोगों को सड़क पर पड़े राजेंद्र उर्फ राजू दिखाई दिए. लोगों ने उन्हें उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
युवक ने ली हत्या की जिम्मेदारी हत्या में हिस्ट्रीशीटर की संलिप्ता की आशंका -जानकारी में सामने आया है कि राजेंद्र परमार गोवंश बचाने के साथ ही हिंदू संगठन बजरंग दल में सक्रिय था. लेकिन उसके ऊपर कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के भी मामले दर्ज थे. उसके कुछ हिस्ट्रीशीटर्स के साथ भी जमीन विवाद की भी बात सामने आई है. फिलहाल उसके विरोधी हिस्ट्रीशीटर जेल की सलाखों के पीछे है. ऐसे में किसी गैंगस्टर ने सुपारी देकर उसकी हत्या कर आई हो इसको लेकर भी पुलिस जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक राजेंद्र परमार के खिलाफ अंबामाता थाना में कई मामले दर्ज हैं.
एक युवक ने ली हत्या की जिम्मेदारी -वहीं, हत्या के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ. जिसमें एक बंटी नाम के युवक ने अपने फेसबुक पर पोस्ट डाल हत्या की जिम्मेदारी ली. उसने लिखा कि राजू उसके मामा की करोड़ों की जमीन को हथियाना चाहता था. इसी के चलते उसने उसे गोली मार दी, लेकिन कुछ देर बाद ही युवक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इस पोस्ट को डिलीट कर दिया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर चंद्रशील सिंह ठाकुर ने बताया कि अंबामाता थाना क्षेत्र के राजू तेली की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी. इस वारदात के बाद से ही पुलिस ने अलग-अलग टीमें गठित कर जांच शुरू कर दी थी. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है. वहीं आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगातार प्रयास कर रहे हैं. अब एमबी अस्पताल की मोर्चरी में मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा. प्राथमिक तौर पर प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है.
विहिप ने दी चेतावनी- विश्व हिंदू परिषद उदयपुर के अध्यक्ष सुखलाल लोहार ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन फेल साबित हो गया है. बदमाश सरेआम बंदूक लेकर शहर में घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने राजेंद्र को हिस्ट्रीशीटर बताया है, इस तरह का बयान देना सरासर गलत है क्योंकि उनके खिलाफ ऐसी कोई फाइल खुली हुई नहीं थी. इस मामले में जब तक अपराधियों को पुलिस नहीं पकड़ती और परिवार के व्यक्ति को सरकारी नौकरी का आश्वासन नहीं मिलता तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा.