लोकसभा स्पीकर ने बताया, कैसे विधानमंडलों में लागू होगी डिजीटल तकनीक उदयपुर. दो दिवसीय सीपीए भारत क्षेत्र के 9वें सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया. सम्मेलन के समापन सत्र को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित किया. सम्मेलन की समाप्ति पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने इन 2 दिनों में उठाए गए बिंदुओं पर जानकारी दी. इस संबंध में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ओम बिरला ने कहा कि देश की अधिकांश विधानसभाएं पेपरलेस हो चुकी हैं और जो शेष हैं, उनको भी जल्द ही पेपरलेस किया जाएगा.
लोकसभा स्पीकर ने जानकारी देते हुए कहा कि आगामी समय में देश की सभी विधानसभाएं पेपरलेस हों. देशभर की विधानसभाएं पेपरलेस हो चुकी हैं. जो कुछ बची हुई हैं, उन्हें आगामी समय में पूरा किया जाएगा. इसके साथ ही विधानमंडलों को और प्रभावी बनाने पर भी कदम उठाए जाएंगे.
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वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म: लोकसभा स्पीकर ने बताया कि देशभर के सभी विधान मंडलों में डिजिटल व्यवस्था को अमलीजामा पहनाते हुए वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म की परिकल्पना को निकट भविष्य में साकार कर दिया जाएगा. बिरला ने कहा कि विधानमंडलों की कार्रवाई का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारण होना चाहिए. ताकि हम सदन की प्रक्रियाओं में जनता की अधिकतम रुचि और भागीदारी सुनिश्चित कर सकें.
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उन्होंने कहा कि सभी विधानमंडलों में बदलते समय में विज्ञान और टेक्नोलॉजी का उपयोग भी बढ़े. ताकि हमारी संस्थाएं परिणाम दे सकें. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक, सामाजिक और विश्व के जो बड़े एजेंट और चुनौती हैं. उन चुनौतियों का समाधान भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं से निकलेगा. वहीं विधानमंडलों की गरिमा और प्रतिष्ठा इस बात पर निर्भर करती है कि हमारे जनप्रतिनिधि किस प्रकार सदनों में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों और उनके समाधान पर सार्थक चर्चा संवाद कर रहे हैं.
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इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि सदन के भीतर स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति हमारे संविधान की विशेषता और हमारी ताकत है. इस दौरान सदन के भीतर चेयर से यही अपेक्षा की जाती है कि चर्चा निष्पक्ष और निर्विवाद रहे. क्योंकि उस चेयर की प्रतिष्ठा बढ़ाने की जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी पर होती है. बता दें कि इस सम्मेलन में देशभर के 23 विधानमंडलों के अध्यक्षों, सभापति, उपाध्यक्ष, उपसभापति और प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन में जी-20 और पी-20 में भारत की अध्यक्षता और कार्यक्रमों पर भी विस्तृत चर्चा हुई.