उदयपुर.झीलों की नगरी उदयपुर में वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल का छठा संस्करण शुक्रवार से शुरू (Music Festival in Udaipur) हो रहा है. इसमें दुनियाभर के 120 जाने-माने म्यूजिशियन परफॉर्मेंस देंगे. इस साल के म्यूजिक फेस्टिवल का लक्ष्य भुला दिए गए सारंगी जैसे वाद्ययंत्रों को पुनर्जीवित करना है. साथ ही स्थानीय कलाकारों को अपना टैलेंट दिखाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना है.
पहले दिन का कार्यक्रम : महोत्सव के पहले दिन कई प्रसिद्ध कलाकारों के साथ सारंगी का (Performance in Music Festival in Udaipur) प्रदर्शन होगा. लोक परंपरा को और आगे ले जाते हुए, जसलीन औलख, परवाज़, अबकोराव और पापोन जैसे प्रसिद्ध गायक अपनी लैटिन धुनों और जोनर के साथ गीतों की प्रस्तुति देंगे.
पढ़ें. JIFF 2023 : मशहूर कलाकारों की 6 Web Series की होगी स्क्रीनिंग, OTT पर चर्चित वेब सीरीज भी दिखाई जाएगी
दूसरे दिन का कार्यक्रम : दूसरे दिन जाने-माने वायलिन वादक नंदिनी शंकर, ब्रूनो लोई और जोनाथन डेला मारियाना जैसे कलाकार होंगे, जो इटली के लौनेददास वाद्य यंत्र का प्रदर्शन करेंगे. कामाक्षी खन्ना, पुर्तगाल की प्रसिद्ध फेडो गायिका कातिया गुएरेइरो, पुर्तगाल के सेन्जा, जिम्बाब्वे से ब्लेसिंग ब्लेड चिमंगा एंड ड्रीम्स, लोकप्रिय द रघु दीक्षित प्रोजेक्ट और स्पेन का एक उच्च ऊर्जा बैंड हबला डे मी एन प्रेजेंटे होगा. इस दिन सारंगी वादकों की परफॉर्मेंस और वेदांता टैलेंट हंट के परिणामों की घोषणा की जाएगी.
आखिरी दिन का कार्यक्रम : इस संगीत महोत्सव के आखिरी दिन ऑस्ट्रेलिया से श्रीजनी घोष, अभिनेत्री-गायिका-गीतकार संजीता भट्टाचार्य, आभा हंजुरा, हरजोत कौर और वेदांग, भारत की प्रमुख सोलो पर्क्युसिव एकॉस्टिक गिटारिस्ट ध्रुव विश्वनाथ, फ्रांस से इलेक्ट्रिक पर्क्यूशन ऑर्केस्ट्रा, पुर्तगाल से अलबलुना और फरहान अख्तर, की परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी.
पढ़ें. विश्व सूफी संगीत समारोह 'जहां-ए-खुसरो' का आगाज, कलाकारों की प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध
सेहर फाउंडर डायरेक्टर संजीव भार्गव का कहना है कि सेहर की हमारी टीम ने इस महोत्सव को छठे साल तक पहुंचने में काफी मेहनत की है. हमें इस बात की बेहद खुशी है कि इतने सालों में दर्शकों का सपोर्ट काफी ज्यादा रहा है. यह दुनिया का सबसे बड़ा संगीत समारोह बन गया है. सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में. इस साल के लाइन-अप में दुनियाभर की विश्वस्तरीय परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी. साथ ही साथ सारंगी को इस एडिशन में प्रमुख वाद्ययंत्र के रूप में शामिल किया गया है. मुझे उम्मीद है कि उदयपुर और भारत की जनता एक साल के अंतराल के बाद इस अनुभव का लुत्फ उठाएगी.