टोंक.एसीबी ने मंगलवार को तिलांजु ग्राम विकास अधिकारी देवकी नंदन शर्मा को बिलो के भुगतान की एवज में 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
रिश्वतखोर ग्राम विकास अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार गिरफ्तार विकास पकड़े जाने से पहले भी 1 लाख 10 हजार रुपयों की राशि बिलो के भुगतान के संदर्भ में परिवादी से ले चुका था और बकाया बिलो के भुगतान के लिए एक बार फिर से जब परिवादी से रिश्वत की मांग की. तो परिवादी ने एसीबी से शिकायत कर दी और एसीबी ने शिकायत के सत्यापन के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
पढ़ेंःकांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक विधायकों का दावा, राजस्थान में पूरे 5 साल चलेगी सरकार
ग्राम विकास अधिकारी की रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह ने बताया कि रिश्वत की यह राशि ग्राम विकास अधिकारी ने निर्माण कार्यो के भुगतान की एवज में एक ठेकेदार से ली थी और जैसे ही राशि ली गई, बाहर आकर परिवादी ने इशारा किया और आरोपी को गिरिफ्तार कर लिया गया. सभी दस्तावेज भी जब्त कर लिए गए है. बता दें कि अधिकारी ने परिवादी से पहले भी रिश्वत कर रूप में 1 लाख 10 हजार रुपये आरोपी ले चुका था.
एसीबी की भले ही भर्ष्टाचार के खिलाफ मुहिम जारी हो, पर भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर इसका कोई असर नजर नही आता है. यही कारण है कि पंचायतो में व्याप्त भर्ष्टाचार की पोल आज एक बार फिर से टोंक में खुली और एक ही ठेकेदार से 1 लाख से ज्यादा की बिलो के भुगतान के एवज में रिश्वत से भी ग्राम विकास अधिकारी का पेट नही भरा तो परिवादी ने एसीबी की शरण ली.
पढ़ेंः ये कैसी चूक ? सरकार के हृदय कहे जाने वाले सचिवालय में नहीं है कोरोना की जांच के इंतजामात
शिकायत में सत्यापन के बाद ट्रेप की इस कार्रवाई में ग्राम विकास अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिए गए. जिसे बाद मे टोंक लाया गया है और अब एसीबी के अधिकारी इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी से जुड़े अन्य दस्तावेज भी खंगाल रहे है.