टोंक. देश के चार प्रमुख अरबी-फारसी शोध संस्थानों में टोंक का अरबी फारसी शोध संस्थान भी शामिल है. इस मुस्लिम रियासत के संस्थान के 2 सौ साल पूरे हो चुके हैं. इसी उपलक्ष में 3 दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें उर्दू-अदब के जाने माने विद्वान आकर अपने-अपने विचार रखने के साथ ही उर्दू भाषा और इतिहास पर अपनी बात रखेंगे.
टोंक रियासत स्थापना के 2 सौ साल हुए पूरे APRI में तीन दिवसीय सेमिनार की शुरूआत राजस्थान के पूर्व आरएएस अधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने फीता काटकर की. 3 दिवसीय सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व आरएएस अधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने शिकरत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि APRI संस्थान राजस्थान का गौरव है और टोंक एक नवाबी शहर है, जिसका एक शानदार इतिहास रहा है.
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दुनिया की सबसे बड़ी कुरान है यहां...
टोंक जिला मुख्यालय के मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान दुर्लभ ग्रंथों के साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी अपने खजाने में रखता है. उर्दू और फारसी पर यहां रिसर्च का दौर जारी रहता है. इसके अलावा इतिहास से रूबरू कराते कई ग्रंथो का संग्रह भी यहां मौजूद है. जिसे देखने वालों का हमेशा यहां लोगों का तांता लगा रहता है. इस सेमिनार में भी इन तीन दिनों में देशभर के विद्वान यहां आकर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे.
निदेशक एपीआरआई के निदेशक सौलत अली खान ने कहा कि, टोंक शहर गंगा-जमुना तहजीब वाला शहर है. यहां हिन्दु-मुस्लिम आपस में मिलकर जुल कर रहते है और भारत देश सबका देश है. यहां पर सबको रहने की आजादी है. वर्तमान निदेशक ने संस्थान की गतिविधियों को बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ाया है. तीन दिवसीय सैमीनार में मौलाना अबुल कलाम आजाद फरबी फारसी शोध संस्थान के निदेशक सौलत अली खान, मौलवी सईद साहब सहित शहर के गणमान्य लोग और देशभर के विद्वान जुट रहे हैं.