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Sand Boa in Tonk: ऐसा सांप जो है दुर्लभ, 2 मुंह 4 आंख वाला सैंड बोआ देख लोग हुए हैरान - 2 मुंह 4 आंख वाला सैंड बोआ

टोंक के देवली में 2 मुंहा सांप मिला है (two headed Snake In Tonk). जो सैंड बोआ प्रजाति का है. ये सीआईएसएफ कैंपस स्थित मंदिर में मिला है. इसे रेस्क्यू कर दो दिन की निगरानी में रखा गया है.

Sand Boa in Tonk
2 मुंह 4 आंख वाला सैंड बोआ

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Published : Jul 9, 2022, 2:16 PM IST

टोंक.टोंक जिले के देवली शहर के सीआईएसएफ आरटीसी कैंपस स्थित नेकचाल बालाजी मंदिर परिसर में शुक्रवार को 2 मुंह और 4 आंखों वाला सांप देख लोग हैरान हो गए (two headed Snake In Tonk). तुरंत स्नेक एक्सपर्ट से सम्पर्क साधा गया. वो पहुंचे और इस रेयर से स्पेशल सांप को रेस्क्यू किया. इस दो मुंहे को देखने के लिए तमाशबीनों की लाइन लग गई. CISF कैंप में सैंड बोआ चर्चा का विषय रहा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये जहरीला नहीं होता है.

लक्ष्य ने दी सूचना: स्नेक एक्सपर्ट लोकेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि एक युवक लक्ष्य ने उन्हें दो मुंह वाले सांप की सूचना दी (Sand Boa in Rajasthan). जिस पर वो अपने साथी वेदप्रकाश के साथ मौके पर पहुंचे. देखा तो बताया कि सांप कॉमन सैंड बोआ प्रजाति का है. जिसकी लंबाई करीब 7 इंच है. जिसे कुछ टूल्स की मदद से रेस्क्यू किया गया. उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रजाति के सांप बहुत दुर्लभ हैं. देवली क्षेत्र में पहली बार इस तरह का सांप देखा गया है. उन्होंने बताया कि सांप को सुरक्षित पकड़ कर वन विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया है.

2 मुंह 4 आंख वाला सैंड बोआ

जांच करेगा वन विभाग: बताया गया कि विभागीय अधिकारी उक्त प्रजाति की जांच करेंगे तथा सांप को सुरक्षित रखवाया गया है. वन विभाग के अनुसार सांप करीब 6 महीने का है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दो दिन निगरानी में रखने के बाद जल्द ही इसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा.

पढ़ें-जांजगीर चांपा में मिला दो मुंह वाला दुर्लभ सांप, लोगों ने की पूजा-अर्चना

क्या है कॉमन सैंड बोआ सांप : ये सांप जहरीला नहीं होता है. सैंड बोआ सांप बच्चे डिलीवर करता है बाकी सांपों की तरह अंडे नहीं देता है. आम सांपों की तुलना में यह धीमी गति से रेंगता है. इसका शिकार चूहे मेंढक गिलहरी और अन्य छोटे जीव होते हैं. इसके बारे में सबसे बड़ी भ्रांति है कि लोग इसे अजगर का बच्चा समझ लेते हैं. इनकी स्किन से मजबूत, टिकाऊ और ओरिजनल प्रोडक्ट्स बनते हैं इसलिए बेल्ट, पर्स व जूतों के लिए इनकी तस्करी होती है.

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