टोंक.जिले में अवैध बजरी खनन बेलगाम है और बनास से लेकर हाईवे तक माफिया राज है, हो भी क्यों नहीं ग्रामीणों से लेकर पुलिस, राजनेता, जनप्रतिनिधि बनास की बजरी से अपनी तकदीर चमकाने में लगे है और सुप्रीम कोर्ट की बजरी पर रोक की खुलेआम धज्जियां किस तरह उड़ती है इसकी मिसाल देखने के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान की गई बजरी पर कार्रवाई के बावजूद बजरी के ढ़ेरों से अटे पुलिस थाने बताते है कि टोंक में बजरी खनन किस तरह से प्रकृति के लिए नासूर बन रहा है.
अब एक बार फिर से राजस्थान में मुख्य शासन सचिव की कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में बजरी खनन को रोकने के लिए जारी निर्देशों और सख्ती के बाद जिला प्रशासन टोंक ने एसआईटी में शामिल पांचों महकमों के साथ बैठक की. इस दौरान बजरी खनन पर सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए.
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राजस्थान में भले ही सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा रखी हो, लेकिन राजस्थान के टोंक जिले से गुजर रही बनास नदी में अवैध बजरी खनन का खेल जारी है. अब बजरी माफियाओं के खिलाफ टोंक जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. अब बनास नदी में अवैध बजरी खनन रोकने के लिए टोंक जिला कलेक्टर नवनीत कुमार और टोंक पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिलें के सभी अधिकारियों और थानाधिकारियों को अवैध बजरी खनन और उसका परिवहन रोकने के लिए सख्त आदेश दिए है. साथ ही बजरी के अवैध स्टॉक पर भी कारवाई करने के लिए निर्देश दिए है.
बता दें कि टोंक जिलें से गुजर रही बनास नदी में अवैध बजरी खनन और उसके परिवहन को रोकने के लिए मंगलवार को टोंक जिला मुख्यालय के जिला कलेक्ट्रेट सभागार में टोंक कार्यवाहक जिला कलेक्टर नवनीत कुमार और टोंक पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की. बैठक में जिलें के सभी अधिकारियों और थानाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जिस क्षेत्र से बजरी का अवैध परिवहन होता है उन रास्तों को चिन्हित किया जाए.