टोंक.सूबे के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक शहर में स्वास्थ्य सेवाएं हांफती हुई प्रतीत हो रही है. यहां स्थित जिले के मुख्य सरकारी अस्पताल सहादत में आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 270 बेड वाले इस अस्पताल का आउटडोर प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीजों का होता है. लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी प्रमुख समस्या है. यहां वर्तमान में 63 डॉक्टरों के मुकाबले लगभग डेढ़ दर्जन डॉक्टरों की कमी है.
चिकित्सकों की कमी और सुविधाओं के अभाव में टोंक के सरकारी अस्पताल का बुरा हाल - टोंक
उपमुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली के कारण निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर हैं मरीज.
टोंक के मुख्य सरकारी अस्पताल का हाल
वहीं अन्य स्टाफ के भी लगभग 20 पद खाली है. वहीं यहां ट्रोमा सेन्टर की लंबे समय से उठ रही मांग का भी अब तक कोई निस्तारण नहीं हो सका है. जबकि मुफ्त दवा योजना का क्रियान्वयन भी यहां ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है. जिले मुख्य सरकारी अस्पताल में सुविधाओं की कमी का सीधा असर गरीब मरीजों पर पड़ रहा है. मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है.