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राखी पर कोरोना का असर...बाजारों से रौनक गायब

दुनियारभर में भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व 3 अगस्त को सावन के आखरी दिन मनाया जाएगा. इस बार राखी के त्योहार पर चाइनीज राखियों की बाजार में नो एंट्री के साथ ही दुकानों पर कोरोना की दहशत नजर आ रही है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जारी सरकारी गाइडलाइन और भारत-चीन गतिरोध का असर बाजारों में राखियों की खरीदारी पर देखने को मिल रहा है.

मेड इन इंडिया राखियो की मांग, Demand for made in india rakhi
मेड इन इंडिया राखियो की मांग

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Published : Jul 31, 2020, 9:35 PM IST

टोंक. कोरोना का राजस्थान में विस्फोट जारी है. दूसरी ओर रक्षाबंधन त्योहार को लेकर एक ओर जहां बाजार में चायनीज राखियां की एंट्री बंद हैं, वहीं कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन को देखने हुए हर साल राखियों की दुकान लगाने वाले व्यापारी ओर ग्राहक भी पूरी सावधानी बरत रहे हैं.

मेड इन इंडिया राखियों की मांग

व्यापारियों का कहना है कि कोरोना काल में रक्षाबंधन पर बाहर से माल कम आ रहा है. रक्षाबंधन आने में महज तीन दिन शेष रहने के बावजूद बाजार में खरीदारों की रौनक गायब है. देश-प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलें ने दुकानदार और खरीदार दोनों की नींद उड़ा रखी है.

राखी विक्रेताओं का कहना कि पहले दिल्ली, जोधपुर, अहमदाबाद सहित बड़े शहरों से राखियां लाते थे, लेकिन इस बार वहां नहीं गए. ऐसे में पिछले साल की बची राखियां ही बाजार में नजर आएंगी. वहीं कुछ अजमेर, जोधपुर, कोटा सहित टोंक जिले के अन्य भाग, जहां लोकल स्तर पर राखियां बनाने का काम होता है, वहां से मंगवाई जा रही हैं. व्यापारी की मानें तो अब तक बाजार में दम नहीं है.

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पिछले साल राखी से पहले ही ग्राहकों की भीड़ आने लगी थी, लेकिन इस बार कोरोना और लॉकडाउन का असर साफ दिख रहा हैं. महिलाए और युवतियां अपने स्तर राखियां बनाकर आत्मनिर्भर भारत की अलख जा रही हैं. वहीं बाजार में जो खरीददार राखी खरीदने जाने वाले या खरीदने का मन बनाने वाले इस बार चायनीज राखियां से खूद को दूर रखना चाहते हैं.

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