टोंक. सचिन पायलट के गढ़ टोंक में गुरुवार को बीजेपी ने जिला प्रमुख सहित 7 में से 4 पंचायत समितियों में अपने प्रधान बनाकर जीत का जश्न मनाया. आजादी के बाद दूसरी बार जिला परिषद में बीजेपी की सरोज बंसल कांग्रेस की गलखु देवी को 11 के मुकाबले 14 वोट हासिल कर जिला प्रमुख बनी. टोंक पंचायत समिति में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय चुनाव जीतने वाली सुनीता गुर्जर प्रधान बनीं. अब शुक्रवार को उप जिला प्रमुख और उप प्रधानों के लिए वोट डाले जाएंगे.
जिला प्रमुख चुनावों में बीजेपी की सरोज बंसल ने विजय हासिल की, तो वहीं दूसरी ओर जिले की 7 पंचायत समितियों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. देवली, उनियारा और टोंक में कांग्रेस समर्थित या कांग्रेस का प्रधान बनाने में सफलता हासिल की. दूसरी ओर भाजपा ने मालपुरा, टोडारायसिंह, निवाई और पीपलू में अपने प्रधान बनाने में सफलता हासिल की है.
बीटीपी को रोकने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने मिलाया हाथ
राजस्थान का सबसे चौंकाने वाला नतीजा डूंगरपुर जिला प्रमुख का आया. डूंगरपुर की सीट ऐसी रही जहां भाजपा और कांग्रेस ने भारतीय ट्राइबल पार्टी को रोकने के लिए आपस में हाथ मिला लिया. दरअसल, डूंगरपुर में 27 जिला परिषद सीटें थी, जिनमें से 8 सीटें भाजपा ने जीती थी तो 6 सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. यहां बीटीपी के 11 जिला परिषद सदस्य जीते थे, जिन्हें दो निर्दलीयों का भी समर्थन था.
ऐसे में बीटीपी का जिला प्रमुख बनना लगभग तय था, लेकिन यहां भाजपा और कांग्रेस ने आपस में हाथ मिला लिया और भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही प्रत्याशी नहीं उतारते हुए भाजपा की जिला परिषद मेंबर सूर्या देवी को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार दिया. जिसे भाजपा और कांग्रेस दोनों के जिला परिषद सदस्यों ने वोट देकर जिला प्रमुख बना दिया.
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ऐसे में कांग्रेस ने कहने को तो भाजपा को वोट ना देकर निर्दलीय प्रत्याशी को वोट दिया, लेकिन हकीकत यही है कि भारतीय ट्राइबल पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी ने भाजपा से हाथ मिला लिया. सूर्या देवी को 27 में से 14 वोट मिले, जबकि निर्दलीय पार्वती को 13 वोट ही मिले.