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टोंक: निवाई में बघेरों का आतंक, लोगों ने जताया रोष - rajasthan latest news

टोंक के निवाई में शुक्रवार को बघेरे ने एक घर के परिसर में बंधे बछड़े को अपना शिकार बनाया. इसके बाद घटना की सूचना समय पर वन विभाग कर्मियों को दी गई, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया. जिसके कारण ग्रामीणों में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति रोष व्याप्त है.

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निवाई में बघेरों का आतंक

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Published : Apr 9, 2021, 10:00 PM IST

निवाई (टोंक). जिले के गांव नोहटा में बघेरे ने एक घर के परिसर में बंधे बछड़े का शिकार कर मार दिया. जिससे ग्रामीणों में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति रोष व्याप्त है. ग्राम पंचायत नोहटा के वार्ड पंच रामलाल चौधरी पुत्र हरिनारायण जाट के घर के परिसर में बघेरे ने छलांग लगाकर बछड़े का शिकार कर उसे मार दिया है.

रामलाल चौधरी ने बताया कि गुरुवार रात को वो खेत पर गए हुए थे और शुक्रवार की सुबह दूध निकालने के लिए घर आया तो घर में बछड़ा मृत मिला. जिसकी सूचना उसी समय वन विभाग कर्मियों को कर दी गई, लेकिन मौके कोई नहीं आया. चौधरी ने बताया कि सुबह जैसे ही ग्रामीणों को बघेरे की ओर से बछड़े का शिकार की सूचना मिली तो कई लोग मौके पर एकत्रित हो गए और लोगों ने दुबारा वन विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन किया लेकिन वन विभाग की टीम नहीं आने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए.

वार्ड पंच रामलाल ने बताया कि नोहटा में एक साथ चार बघेरे ग्रामीणों ने देखें हैं, लेकिन फिर भी वन विभाग के अधिकारियों ने बघेरों को पकड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. जिससे नोहटा में बघेरों ने करीब 40 मवेशियों और श्वानों का शिकार कर मार दिया है. इसी प्रकार आसपास के गांवों में भी बघेरे आए दिन शिकार करते रहते हैं.

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बता दें कि करीब दो वर्ष से लगातार बघेरों की ओर से नोहटा सहित दर्जन भर गांवों में पशुओं, नील गाय और श्वानों का शिकार करते जा रहे हैं. वहीं, वन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर पंचनामा बनाना और पोस्टमार्टम करवाकर पूरी कर रहे हैं. जबकि ग्रामीण बार-बार बघेरों को ट्रेंकुलाइज करने की मांग कर रहे हैं. बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारी ट्रेंकुलाइज करने के लिए अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है.

जिससे लगातार बघेरे गांव नोहटा, बस्सी, बारेडा, करीरिया, किवाड़ा, रामनगर, धतूरी सहित कई गांवों शिकार कर रहे हैं. वार्ड पंच चौधरी ने बताया कि गांव नोहटा की पठारों में बनी गुफा में बघेरों का डेरा है और पहाड़ में एक माता का मंदिर है. जहां हरदम दर्शनार्थी रहते हैं. जिससे उनकी जान का भी खतरा है. नोहटा में अंधेरा होते ही बघेरे दिखाई दे जाते हैं. जिससे ग्रामीण बहुत ही डरे हुए हैं.

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