श्रीगंगानगर. कृषि अनुसंधान केंद्र में इन दिनो रेडी प्रोग्राम के तहत कृषि विषय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्र कृषि वैज्ञानिकों के निर्देशन में ट्रेनिंग ले रहे हैं. केंद्र के कृषि वैज्ञानिक अलग-अलग परियोजना में इन भविष्य के कृषि वैज्ञानिकों को कृषि से संबंधित तमाम प्रकार के नवाचार की जानकारी देकर खेती को मजबूत कर किसानों की आय बढाने के तरीकों पर काम कर रहे हैं.
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से प्रशिक्षण लेने आए कृषि के विद्यार्थियों को बताया जा रहा है कि किस परियोजना में कितना विकास हुआ है. साथ ही कितना विकास होने की जरूरत है. ताकि किसान और खेती को मजबूत किया जा सके. कृषि विद्यार्थियों को कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा क्रॉप इंप्रूवमेंट और क्रॉप प्रोडक्शन सहित विभिन्न अचीवमेंट, वैरायटी और डेवलपमेंट के बारे में किसानों को दी जाने वाली जानकारी के बारे में बताया जा रहा है.
विभिन्न नवाचारों का दिया जा रहा प्रशिक्षण
यहां प्रशिक्षण लेने आए कृषि विषय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण में विभिन्न तरह की तकनीकों के बारे में बताया जा रहा है. ताकि विद्यार्थी भविष्य में कृषि अधिकारी बनकर किसानों को बेहतर तरीके से खेती करने के गुर सिखा सकें. कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक दशरथ सिंह की मानें तो भविष्य के इन कृषि अधिकारियों को कृषि के क्षेत्र में उन्नत और बेहतरीन टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उद्देश्य यह है कि टेक्नोलॉजी किसानों तक जाए और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में व्यवहारिक काम हो सकें.
विद्यार्थियों को मौसम की भी दी जा रही जानकारी
प्रशिक्षण देने वाले कृषि विशेषज्ञों की मानें तो एग्रोमेंट सर्विस के तहत तापमान, वाष्पीकरण और वर्षा सहित तमाम प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियो से भी छात्रों को अवगत करवाया जा रहा है. कृषि से जुड़े इंस्ट्रुमेंटल की जानकारी देकर मौसम के बारे में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. कृषि विषय की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को वैज्ञानिक नई-नई तकनीकों से अवगत करवा कर भविष्य में किसान को कैसे मजबूत किया जा सकता है इसके बारे में बताया जा रहा है.
केंद्र में चल रही 56 दिन की ट्रेनिंग