श्रीगंगानगर. केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन के समर्थन में जिले की धान मंडियों के व्यापारी भी काम बंद रखने का फैसला किया है. इसी के तहत अब मंडी व्यापारी, मजदूर और किसान अब कृषि कानून का विरोध करते हुए कार्य का बहिष्कार करेंगे. इस दौरान मंडियों में जिंसों की बोली बंद रहेगी. शुक्रवार को जिला मुख्यालय सहित जिले की धान मंडियों में बोली नहीं हुई.
केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में आंदोलन गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन एवं श्री गंगानगर कच्चा आडतीया संघ की ओर से मंडी में बोली नहीं करने का फैसला लिया गया. दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों ने मंडी बंद का निर्णय लेते हुए व्यापारियों से कृषि जिंसों का व्यवसाय बंद रखते हुए सहयोग की अपील की है. जिला मुख्यालय स्थित नई धान मंडी सहित जिले की केसरीसिंहपुर, श्रीकरणपुर, सादुलशहर, गजसिंहपुर, श्रीविजयनगर और रायसिंहनगर की धान मंडियों में भी जिंसों की खरीद-बिक्री नहीं हुई.
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केंद्र सरकार के नए कानून के विरोध में श्रीगंगानगर के किसान लगातर विरोध करने में जुटे है हुए है. विरोध के इसी क्रम में किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया है. किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए श्रीगंगानगर के गुरुद्वारा सिंह सभा से दुसरे दिन भी किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ.करणपुर, पदमपुर, रायसिंहनगर से किसान दिल्ली आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हुए.
किसान गाड़ियों और ट्रैक्टर ट्राली लेकर रवाना हुए. किसानों ने बताया कि दिल्ली आंदोलन में शामिल होने के लिए ट्रैक्टर ट्राली लेकर जा रहे है. साथ ही खाने पीने व आन्दोलन में रुकने के लिए तमाम प्रकार की सामग्री लेकर जा रहे है. किसान प्रतिनिधियों ने दिल्ली के लिए रवाना होने वाले किसानों का सहयोग राशि देने की घोषणा की है.