सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर).आने वाले समय में जल्द ही शहर में रहने वाले 77 हजार लोगों को नियमित और शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं, गर्मियों में कच्ची बस्ती और ऊंचाई पर बसे लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.
पीएचईडी ने बीकानेर रोड पर 60 बीघा जमीन पर रॉ वाटर स्टोरेज के लिए 430 लाख लीटर क्षमता की 2 डिग्गियों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवा रखा है. पीएचईडी अधिकारियों की मानें तो निर्माण अगस्त 2020 तक पूरा हो जाएगा.
शहर में पीने के सप्लाई के लिए बना वाटर बॅक्स 20 हजार की आबादी को पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनाया गया था. साल 2005-06 में आबादी बढ़कर 50 हजार हो गई, तब विभाग ने 2 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियों का निर्माण करवा वाटरवर्क्स को रॉ वाटर की आपूर्ति लेने के लिए आईजीएनपी से जोड़ दिया था. साल 2011 में शहर की आबादी बढ़कर 70 हजार 536 पहुंच गई, जबकि वर्तमान में आबादी 77 हजार के करीब है.
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वहीं, बाहर से कोचिंग के लिए आए 15 हजार युवा पीजी में रह रहे हैं. ऐसे में रॉ वाटर स्टोरेज के लिए पुराने वाटरवर्क्स और 236 हैड पर बनी 80 हजार किलोलीटर पानी की क्षमता की 4 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियां अपर्याप्त साबित होने से शहर के सूर्योदय नगरी के 11 वार्डों के 20 हजार और दक्षिण दिशा में बसी कच्ची बस्ती के 5 वार्डों के 10-12 हजार लोगों को एक दिन के अंतराल पर पेयजल मिलने से उनको सर्दी और गर्मी में टैंकरों से पेयजल मंगवाना पड़ता है
नई पेयजल स्कीम पर 430 लाख लीटर पानी की क्षमता की 2 रॉ वाटरस्टोरेज डिग्गियां, 12 एमएलडी का 1 फिल्टर प्लांट, पंप हाऊस, 1500 किलोलीटर क्षमता का स्वच्छ जलाशय, चारदीवारी का निर्माण जारी है. एईएन गिरीराज रेगर के मुताबिक नई रॉ-वाटर स्टोरेज डिग्गियों को ढाई किलोमीटर लंबी 350 एमएम डीआई पाइप से आईजीएनपी से आ रही पेयजल पाइप लाइन से जोड़ दिया है, जो 600 एमएम की डीआई (लोहे) पाइप है.
एईएन के मुताबिक रॉ वाटर स्टोरज डिग्गियों का निर्माण फरवरी तक पूरा हो जाएगा. वहीं, नई शहरी जलप्रदाय स्कीम पर अन्य निर्माण पूरा होने पर 2050 तक बढ़ने वाली आबादी तक शहरवासियों को नियमित और पर्याप्त शुद्ध पानी मिलेगा. ऐसे में नई स्कीम पर रॉ-वाटर स्टोरेज के लिए निर्माणाधीन डिग्गियों का कार्य फरवरी में पूरा होने पर शहरवासियों को नहरबंदी के दौरान नियमित सप्लाईमिलने से पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, नियमित पानी से वंचित सूर्योदयनगरी, कच्ची बस्ती व ऊंचाई पर बसे लोगों को पेयजल सप्लाई से वंचित नहीं होना पड़ेगा.