श्रीगंगानगर.कोरोना संकटकाल के दौरान सरकार द्वारा देश की तमाम संस्थाएं बंद कर लॉकडाउन लागू किया गया था. संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने उन दफ्तरों को भी लॉक कर दिया था, जिनसे दूसरे देशों की कनेक्टिविटी जुड़ी हुई थी. वहीं, लॉकडाउन खुलने के बाद भी इन दफ्तरों में अभी भी सन्नाटा पसरा रहता है.
सरकारी दफ्तरों में लोग अब जरूरत के कार्य करवाने के लिए आने से भी डर रहे हैं. ऐसा ही सन्नाटा इन दिनों श्रीगंगानगर के पासपोर्ट कार्यालय में पसरा हुआ है. सरकार की गाइडलाइन के बाद पासपोर्ट कार्यालय तो खोले दिए गए हैं, लेकिन संक्रमण का भय लोगों में इतना है कि अब पासपोर्ट कार्यालय में आने से डर रहे हैं.
कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन से पहले श्रीगंगानगर के पासपोर्ट कार्यालय में हर रोज 200 लोग पासपोर्ट के लिए आते थे, लेकिन अब पासपोर्ट कार्यालय में गिने चुने लोग ही नजर आते हैं. जहां लंबी लाइनों में खड़े होकर लोग अपने पारी का इंतजार करते थे. अब उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ता है, बल्कि सीधे वे संबंधित अधिकारी के पास जाकर अपना काम चंद मिनटों में करवा लेते हैं. पासपोर्ट दफ्तर में भी भीड़ नजर नहीं आती है, क्योंकि यहां पर कार्मिकों की संख्या भी विदेश मंत्रालय ने अब कम कर दी है. केवल एक क्लर्क ही पासपोर्ट से जुड़ी फाइलें संभाल रहा है.