श्रीगंगानगर.जिले के केंद्रीय बस स्टैंड पर राज्य भर के कर्मचारिओं ने धरना दिया. धरने पर बैठे रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से हर महीने 45 करोड़ सहायता के रूप में रोडवेज कर्मचारियों को दिए जाते थे. इस बार मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी घोषणा नहीं की है.
कर्मचारियों ने कहा कि इससे पता चलता है कि सरकार रोडवेज को बंद करना चाहती है. रोडवेज यूनियन की चार मांग सरकार से जुड़ी हुई है. साल 2018 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और परिवहन मंत्री ने वादा किया था कि अगर वे सत्ता मे आए, तो रोडवेज कर्मचारियों को सातवां वेतन लागू करवाया जाएगा. साथ ही नई बसें, नई भर्ती और रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों को भुगतान किया जाएगा. लेकिन डेढ़ साल बाद भी राज्य सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. बल्कि सहायता के रूप में रोडवेज को मिल रहे 45 करोड़ रुपए भी बजट में घोषणा नहीं की है.