राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

श्रीगंगानगरः बुधवार से रैंडम सैंपलिंग की हुई शुरुआत, जिले से लिए जाएंगे 250 सैंपल

प्रदेश में ग्रीन जोन के दायरे में आने वाले श्रीगंगानगर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बुधवार से अर्बन एरिया में भी 22 टीमें बनाकर सैंपलिंग की शुरुआत की गई है. ये टीमें घर-घर जाकर लोगों का सर्वे करेंगी. इस दौरान हाई रिस्क वाले लोगों को चिन्हित कर उनका सैंपल लेकर इलाज शुरू करवाया जाएगा. इस रैंडम सैम्पलिंग में पूरे जिले से 250 सैंपल लिए जाएंगे, जो सामान्य सैंपलिंग से अलग रहेंगे.

श्रीगंगानगर न्यूज, श्रीगंगानगर में कोरोना का असर, श्रीगंगानगर में सैंपलिंग, sriganganagar news, effect of corona in  sriganganagar, corona sampling in sri ganganagar
रैंडम सैंपलिंग की हुई शुरुआत

By

Published : Apr 30, 2020, 11:40 AM IST

श्रीगंगानगर. प्रदेश में ग्रीन जोन के दायरे में आने वाले जिलों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग रैंडम सैम्पलिंग कराने जा रहा है, ताकि कहर बनकर फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण की समय रहते जांच हो सके. इसी कड़ी में बुधवार से जिले के अर्बन एरिया में भी 22 टीमें बनाकर सैंपलिंग की शुरुआत की गई है.

रैंडम सैंपलिंग की हुई शुरुआत

डोर-टू-डोर होगा सर्वेः

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ये टीमें घर-घर जाकर लोगों का सर्वे करेंगी. इस दौरान हाई रिस्क वाले लोगों को चिन्हित कर उनका सैंपल लेकर इलाज शुरू करवाया जाएगा. इस रेंडम सैम्पलिंग में पूरे जिले से 250 सैंपल लिए जाएंगे, जो सामान्य सैंपलिंग से अलग रहेंगे. वहीं, कंटेनमेंट जोन के आईसीएमआर गाइडलाइन के अनुसार हो रही जांचों को पहले की तरह ही जारी रखते हुए राज्य सरकार अब जिलों में भी मिशन Life Saving शुरु करने जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कोविड-19 संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या को न्यूनतम रखने संक्रमण से ग्रस्त रोगियों और हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों के जीवन को बचाने के लिए मिशन लिसा के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंःजालोर के इस गांव ने इरफान के लिए खोला था हॉलीवुड का दरवाजा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा ने बताया कि, हाई रिस्क ग्रुप में 60 साल से अधिक आयु के व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित, हृदय रोगी, मधुमेह,अस्थमा, सीओपीडी, किडनी संबंधित रोग, कैंसर, टीबी और अन्य गंभीर रोगों से प्रभावित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम आयु के बच्चे शामिल हैं. रैंडम सैंपलिंग के दौरान दौरान इन लोगों को चिन्हित कर जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज शुरू करवाया जा सकेगा. साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं की मदद से लगभग 20 घरों पर एक स्वयंसेवक का चयन करके हाई रिस्क वाले रोगियों की पहचान कर सूची अपडेट करने को कहा गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details