श्रीगंगानगर. सरकार एक तरफ 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' के नारे देकर बेटियों को संबल देने में जुटी है. वहीं जब बेटियों के अधिकारों की बात आती है तो सरकार खुद अपनी घोषणाओं पर खरी नहीं उतर रही है. शहर के एकमात्र सबसे बड़े और पुराने स्कूल में इन दिनों चल रहा पार्किंग विरोध अब जोर पकड़ने लगा है.
सामाजिक संगठनों ने किया विरोध राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मटका चौक के खेल मैदान में वाहन पार्किंग के निर्माण को लेकर शहर के कुछ सामाजिक संगठनों ने विरोध स्वरूप आन्दोलन शुरू किया है. मटका चौक बालिका विद्यालय में पार्किंग बनाए जाने के विरोध में पिछले 3 दिनों से शिक्षा विभाग और जिला कलेक्ट्रेट पर विभिन्न संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.
धरना दे रहे लोगों की मानें तो एक तरफ शिक्षा विभाग बिना खेल मैदान के किसी भी निजी स्कूल को मान्यता नहीं देते हैं. वहीं अधिकारी खुद अपने अधीनस्थ जिले के सबसे पुराने बेटियों के सरकारी स्कूल के खेल मैदान को अस्थाई रूप से वाहन पार्किंग के ठेके पर देने के आदेश देकर स्कूल में बने खेल मेदान को खत्म करना चाहते हैं. मटका चौक बालिका माध्यमिक विद्यालय में बने खेल मैदान में पार्किंग बनने से ना केवल स्कूल में पढ़ने वाली सैकड़ों बेटियां असुरक्षित होंगी, बल्कि स्कूल के खेल मैदान में पार्किंग बनने से खेल मैदान भी छोटा हो जाएगा.
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पार्किंग के विरोध में सामाजिक संगठनों के महिला-पुरुषों ने बड़ी संख्या में पहले जिला शिक्षा विभाग के बाहर धरना लगाया, फिर जिला कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिला कलेक्टर से हुई वार्ता में प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बालिकाओं के स्कूल में खेल मैदान में पार्किंग बनाना उचित नहीं है. ऐसे में शिक्षा विभाग निदेशालय द्वारा पार्किंग बनाने के आदेश निरस्त करवाया जाए. वहीं धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर पार्किंग बनाने से रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.