राजस्थान

rajasthan

सुन लो सरकार! 40 साल से एक ही गांव में रहते हैं, घर का तो छोड़ो राशन तक नहीं मिला

By

Published : Feb 13, 2020, 5:16 PM IST

विकास के नाम पर देश भर में न जानें कितनी स्कीमें चलाई जा रही हैं. लेकिन असल में इन योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर लोगों को नसीब ही नहीं हो रहा है. इसकी बानगी श्रीगंगानगर से सामने आई यह तस्वीर बयां करती है. यहां के रहने वाले पाल सिंह के पास न तो रहने के लिए छत है और न ही किसी सरकारी योजना का सहारा.

राजस्थान न्यूज, rajasthan news, shri ganganagar latest news, pal singh of shriganganagar
सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित पाल सिंह

श्रीगंगानगर.सरकार भले ही विकास की बड़ी-बड़ी बाते करती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में जमीनी हकीकत देखने से पता चलता है कि विकास के क्या मायने हैं. ऐसा नहीं है कि केंद्र और राज्य सरकार गरीब आदमी के लिए योजनाएं नहीं चलाती है. योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन अंतिम छोर पर बैठे जरूरतमंद ग्रामीण को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित पाल सिंह

जिले की घड़साना पंचायत समिति में ग्राम पंचायत के मलवे के इस घर की यह तस्वीर विकास की बड़ी बातें करने वालों के लिए काफी है. इस तस्वीर से साफ पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में अंतिम छोर पर बसे जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं का कितना लाभ मिला है.

यह भी पढ़ें-गहलोत सरकार स्कूलों के विकास के लिए पैसा भी नहीं देती और केंद्र के कम अपोजिट ग्रांट का पैसा भी दबाकर बैठी है : देवनानी

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का पाल सिंह को अभी तक लाभ नहीं मिला है. अफसरशाही में लालफीताशाही से सरकारी योजनाओं से आम व्यक्ति वंचित है. पैसे वाले परिवारों को भले ही बीपीएल बन जाए, लेकिन गरीब और जरुरतमंद का राशन कार्ड तक नहीं बन पा रहा है. सरकारी कार्यालयों के चक्कर पे चक्कर काटकर पाल सिंह को कुछ नहीं मिला.

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला पाल सिंह 40 सालों से मजदूरी करके परिवार को पाल रहा है. इसके पास मात्र एक झुग्गी है. मगर आज वैज्ञानिक युग में जो आवश्यक साधन होनी चाहिए एक भी नहीं है.

यह भी पढें- ईंधन से होने वाले वायु प्रदूषण से भारत को हर साल 10.7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान: ग्रीनपीस

स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय का काम भी बजट न मिलने के कारण अधूरा पड़ा है. जो राजनीतिक बड़ी-बड़ी विकास की बातें करते हैं, वह एक गरीब को छत तक नहीं दिला सकते. पाल सिंह पिछले 40 सालों से 7 एमएलके ग्राम पंचायत में ही निवास करता है, लेकिन आज तक न, तो उसे खाद्य योजना का लाभ मिला है और न ही केंद्र और किसी दूसरी योजना का.

ABOUT THE AUTHOR

...view details