सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर).विशाल शब्दकोश, समृद्ध साहित्य, सांस्कृतिक परंपरा और गौरवशाली इतिहास के बावजूद 76 वर्ष से संवैधानिक मान्यता के लिए बाट जोह रही राजस्थानी भाषा हैताळुओं के लिए खुश खबर है.
सरकार ने प्रदेश के सरकारी-निजी स्कूल और कॉलेजों में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस राजस्थानी भाषा में मनाने के आदेश जारी किए हैं. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को है, लेकिन महाशिवरात्रि अवकाश होने के कारण एक दिन पूर्व दिवस मनाने के संशोधित आदेश जारी कर दिए गए हैं.
जहां जिले के विद्यालयों में गुरुवार को मातृभाषा दिवस मनाया गया. अन्तर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के उपलक्ष में गुरूवार को विद्यालयों में मातृ भाषा दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में छात्रों ने कहा कि भाषा को मान्यता नहीं होने से राजस्थान खुला बाड़ा बन गया है. वहीं एक छात्रा ने कहा कि 'सगली भाषावां ने मान्यता, राजस्थानी ने टालो क्यूं, म्हारी जुबान पर तालो क्यूं'.
पीएम और सीएम को ज्ञापन
अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता समिति के प्रदेश महासचिव मनोजकुमार स्वामी ने बताया कि संभाग और जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के लिए एक माह से तैयारियां की जा रही है. सीएम को 3 सूत्री मांगों का ज्ञापन भेजकर दूसरी राज भाषा का दर्जा देने, प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्य रूप से लागू करने और आरटेट में राजस्थानी भाषा को शामिल करने और पीएम से राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जाएगी.
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