श्रीगंगानगर. राजस्थान में गहलोत सरकार के 2 साल पूरे हो गए हैं. सरकार दो साल बेमिसाल बताकर जश्न मना रही है. सरकार के मंत्री हर जिले में जाकर अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं. हालांकी सरकार का पहला साल घोषणाओं को लागू करने वाला तो दूसरा साल कोरोना और सियासी संकट की चुनौती से निपटने वाला रहा है. लेकिन फिर भी गहलोत सरकार के मंत्री राज्य में विकास के कार्यों की लंबी-चौड़ी लिस्ट लेकर पहुंच रहे हैं. जिले में करोड़ों रुपए के विकास कार्य होने का दावा कर रहे हैं.
सरकार के दो साल के कार्यकाल के बीच आने वाला तीसरा साल भी किसी बड़ी अन्नि परीक्षा से कम नहीं होगा. खासतौर पर ऐसे समय में जब प्रदेश वित्तीय संकट से जूझ रहा है और कोविड-19 का प्रकोप अभी भी जारी रहने वाला है. ऐसे में इन सब मामलों के बीच सरकार के सामने तीसरे साल में सबसे बड़ी चुनौतियां रहने वाली है. गहलोत सरकार भले ही इन 2 सालों में 50 फीसदी वादे पूरे कर प्रदेश का सर्वांगीण विकास करने का दावा करे. लेकिन जमीनी स्तर पर जनता इन दावों को कितना सही बता रही है और इन दावों से जनता कितनी खुश है यह भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
जब नाराज हो गए मंत्री डॉ. बीडी कल्ला
श्रीगंगानगर जिला प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कल्ला सरकार के 2 साल बेमिसाल बताते हुए जिले में हुए विकास कार्यों का बखान कर सरकार का गुणगान कर रहे थे. लेकिन जब मंत्री जी से कुछ सवालों के जवाब मांगे गए तो कल्ला नाराज हो गए. कल्ला ने कहा कि गहलोत सरकार ने पिछले 2 सालों में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले हैं लेकिन जब उनसे पूछा गया कि मेडिकल कॉलेज की घोषणाएं पूर्ववर्ती सरकार और केंद्र द्वारा बजट दिया जा रहा है तो मंत्री जी कुछ नाराज हो गए.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा क्यों नहीं की थी. इसी तरह मंत्रीजी ने गांव-गांव में पानी पहुंचाने की बात कहते हुए पानी की संपूर्ण उपलब्धता का दावा किया. लेकिन जब उनके से सिंचित क्षेत्र श्रीगंगानगर जिले की नहरों में पिछले 1 साल से पूरा पानी नहीं दिए जाने को लेकर पूछा गया तो वो फिर भड़क गए.
सिंचाई के लिए नहीं मिल रहा पानी-