श्रीगंगानगर. जिले में असमान पानी वितरण होने से गंगनहर के किसानों की फसलें जलने लगी है. किसान बर्बादी के कगार पर है. बुधवार को हुई रेगुलेशन कमेटी की बैठक में किसानों ने गंगनहर के चेयरमैन और सिंचाई अधिकारियों के सामने जब यह बात रखी तो अधिकारी किसानों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
किसानों की मानें तो असमान पानी वितरण से उन्हें 21 वें दिन भी पानी नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते उनकी फसल खराब हो चुकी है. वहीं किसानों ने सिंचाई अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि अधिकारी रेगुलेशन बैठक में खुद पानी वितरण को निर्धारित करते हैं. लेकिन नेहरों में पानी छोड़ने के समय अधिकारी मौके पर पहुंचकर अपनी मनमर्जी से पानी छोड़ते हैं. जिससे किसानों को असमान पानी वितरण होता है.
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वहीं प्रभावशाली किसान लगातार पानी की बारीया ले लेते हैं, जबकि कमजोर किसानों को 21 दिनों के बाद भी सिंचाई पानी की बारीया नहीं दी जाती है. ऐसे में सिंचाई अधिकारियों की लापरवाही से किसानों की फसल बर्बादी के कगार पर है.
किसान नेताओं की मानें तो रेगुलेशन कमेटी की बैठक महत्वहीन है, क्योंकि बैठक में रेगुलेशन कमेटी सदस्य जो फैसला लेते हैं उन फैसलों को अधिकारी अपनी टेबल पर ले जाकर बदल देते हैं. किसान नेताओं ने सिंचाई अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि बुधवार की रेगुलेशन बैठक में आरबी नहर को चलाने का फैसला लिया है, लेकिन अगर नहर नहीं चलाई तो इस बार किसान आमरण अनशन कर अपने हक का पानी लेंगे. वहीं रेगुलेशन कमेटी के लिए फैसलों को बदलने की बात पर सिंचाई अधिकारियों के कुछ अलग ही तर्क हैं. अधिकारी कहते हैं कि कई बार पानी कम ज्यादा होने के कारण फैसले बदले जाते हैं.