श्रीगंगानगर.जिले में निकाय चुनाव के तहत मतदान होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. निकाय चुनाव में वार्ड 33 की बात करें तो यहां का दुर्गा मंदिर एरिया शहर का हृदय स्थल कहा जाता है. इसके तहत जिले के वार्ड 33 में काफी समस्याएं सामने आ रही हैं. बता दें कि पार्षद लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने की बजाय अपने अपने प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. साथ ही वार्ड 33 में आने वाले दुर्गा मंदिर एरिया में बाजार होने की वजह से वाहनों का आवागमन रहता है, जिसकी वजह से पार्किंग की जरूरत है. मगर इस वार्ड में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वार्ड 33 में लोगों की परेशानियों का कोई हल नहीं वहीं, वार्ड 33 में जलमग्न की समस्या सबसे बड़ी समस्या है, जिसके कारण लोगों को बारिश के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस वार्ड में करीब 2 हजार 166 लोग रहते है, जिनको रोजाना ऐसी समस्याओं से गुजरना पड़ता है. बात करें इस वार्ड से प्रत्याशियों की तो यहां कांग्रेस से सोनू मक्कड़ और भाजपा से विजय मिड्ढा तो 4 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं. हालांकि कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. लेकिन, दोनों ही पार्टियों से बागी मैदान में होने के कारण भीतरघात होने का भी खतरा है.
कांग्रेस प्रत्याशी सोनू मक्कड़ की मानें तो वार्ड 33 का दुर्गा मंदिर एरिया में नालियों की बड़ी समस्या है. वहीं, वार्ड में नगर परिषद से कचरा उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियां कम आने से वार्ड में ठीक से साफ-सफाई नहीं हो पाती है. दुर्गा मंदिर एरिया में बाजार होने के कारण यहां पर पार्किंग की बड़ी समस्या है. वहीं, वार्ड नंबर 33 का दुर्गा मंदिर एरिया बाजार अच्छा होने के कारण यहां बाहर से लोगों का बड़ी संख्या में आना होता है. ऐसे में जो लोग बाहर से आते हैं, उनको यहां पर किसी प्रकार के शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण परेशानियां उठानी पड़ती है.
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इस क्षेत्र में खरीदारी करने के लिए आने वाले लोगों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. वहीं वार्ड को स्वच्छ और सुंदर बनाने का बड़ा लक्ष्य रहेगा. निर्दलीय प्रत्याशी हरीश कपूर कहते हैं कि वार्ड में सच्चा और अच्छा तो जनता चुनेगी. लेकिन आज जितने भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं वे सभी यही सपना पाल देख रहे हैं कि चेयरमैन के चुनाव में पैसे मिलेंगे और हम बिकेंगे.
दागियों की बात करें तो दागी प्रत्याशी बहुत है, जिनमें से निर्दलीय प्रत्याशी कमल चराया ने तो दुर्गा मंदिर के चंदे में भी गड़बड़ी कर दी है. उधर भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कमल चराया अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बारे में कहा हैं कि मेरे ऊपर जो मंदिर के प्रसाद की रकम में गड़बड़ी का आरोप लगाया जा रहा है. उस समय में मंदिर का ना तो प्रधान था ना कोई सदस्य. एक नॉर्मल सेवादार था. ऐसे में अगर एक नॉर्मल सेवादार मंदिर से एक लाख आठ हजार रुपये के प्रसाद में गड़बड़ी करता है तो फिर कोई प्रधान लेवल का पदाधिकारी तो करोड़ों रुपए का घोटाला कर सकता है.
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बता दें कि निर्दलीय प्रत्याशी चराया खुद पर आरोप लगने के बाद भी वे पार्षद चुने जाने से पहले ही खुद को जनता का नेता मानने लगे हैं और कहते हैं कि चुनाव लड़ने का मकसद जनता को प्यार देना था. मतलब साहब की निर्दलीय प्रत्याशी खुद को इतने बड़े नेता समझते हैं कि वे जनता के प्यार के लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं. भले ही फिर उन पर विरोधी मंदिर के चंदे में सेंध लगाने का आरोप लगा रहे हो. निर्दलीय प्रत्याशी कमल चराया की सोच वार्ड के लोगों के प्रति कितनी सही है वह इनके मुंह से ही सुन लीजिए. जनाब कहते हैं कि वार्ड 33 का दुर्गा मंदिर एरिया संवेदनशील है. क्योंकि इसमें नेगेटिव लोग अधिक रहते हैं. मतलब साफ कि जिस वार्ड के लोगों से वोट मांग कर पार्षद बनने का सपना देख रहे हैं. उन्हें पार्षद बनने से पहले ही नेगेटिव सोच के लोग बताकर उन से समर्थन मांगा जा रहा है या उनका मजाक उड़ाया जा रहा है.
बहरहाल वार्ड 33 में चुनावी समीकरणों की बात करें तो यहां मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहने वाला है. ऐसे में चार निर्दलीय प्रत्याशियों में से कौन किसका कितना समीकरण बिगड़ेगा यह आने वाला समय तय करेगा.