राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

कृषि कानूनों का विरोध जताने पहुंचे मंत्री बीडी कल्ला को किसानों ने सुनाई खरी-खोटी, कहा- कागजों में ही गिना रहे उपलब्धियां - rajasthan farmer protest

प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला श्रीगंगानगर में किसानों से संवाद कर कृषि कानूनों का विरोध जताने पहुंचे थे लेकिन वहां वह खुद ही सवालों में घिर गए. गंगनहर में सिंचाई-पानी की उपलब्धता कम होने के चलते किसानों ने बीडी कल्ला को खूब खरी-खोटी सुनाई.

gangnahar irrigation water problem, minister dr bd kalla in sri ganganagar
गंगनहर में सिंचाई पानी को लेकर विरोध जताते किसान...

By

Published : Dec 31, 2020, 7:19 PM IST

श्रीगंगानगर. एक तरफ कृषि कानूनों का विरोध कर किसानों की हितैषी बन रही है, वहीं सूबे में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी किसान पानी के लिए आंदोलन पर उतारू है. प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला जहां जिले में किसानों से संवाद करके कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वहीं, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के किसान सिंचाई पानी के लिए परेशान है. यहीं कारण है कि अब किसान राज्य की सरकार को घेरने की तैयारी में है.

श्रीगंगानगर पहुंचे मंत्री जी को किसानों ने सुनाई खरी-खोटी...

मंत्री जी को सुनाई खरी-खोटी...

गंगनहर में सिंचाई पानी की उपलब्धता कम होने के संबंध में विभिन्न किसान संगठनों ने जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को खरी-खोटी सुनाई. संगठनों के पदाधिकारियों ने यहां तक बोल दिया कि पिछले 2 सालों की उपलब्धियां आप तो कागजों में गिना रहे हो, हकीकत में इलाके के किसानों को सिंचाई पानी नहीं मिल रहा है. इसका असर गेहूं की पैदावार पर अधिक पड़ेगा. किसान संगठनों ने प्रभारी मंत्री को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की कारस्तानी के बारे में शिकायत की. पंजाब में गंगनहर में पानी की उपलब्धता 2563 दर्शाई जा रही है, जबकि राजस्थान सीमा में यह पानी महज 1463 रह जाता है. 50 फ़ीसदी पानी कहां जा रहा है, इसका जवाब सिंचाई विभाग के अधिकारी दे. गंगनहर में पानी की कमी इलाके के किसानों की खेती को बर्बाद करने का षड्यंत्र है.

पढ़ें:हनुमानगढ़ : कानून वापसी की मांग पर अड़े किसान...विरोध प्रदर्शन जारी, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

फसलों पर संकट...

किसान सिंचाई विभाग के मुखिया के तबादले से पूरा सिस्टम सुधर जाने की बात कह रहे हैं. किसानों ने आरोप लगाया की सिंचाई अधिकारी ने कोरोना काल का बहाना बनाकर रेगुलेशन कमेटी की नियमित बैठक भी बंद कर दी है, जबकि अन्य मीटिंग रोजाना हो रही है. गंगनहर में पानी की आवक घटने का सिलसिला लगातार जारी है. पंजाब से गंगनहर में पानी की आवक 1463 रह गई है. सुधार होने पर पानी 1578 क्यूसेक हो गया. पानी घटने से किसानों की कई नहरें पीट रही है. अचानक पानी कम होने से कई नहरे वरीयता क्रम से पहले बंद करनी पड़ रही है.गंगनहर में लगातार पानी घटने से फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. किसानों को इस समय 2500 क्यूसेक तक पानी नहीं मिला, तो फसलें बर्बाद हो जाएगी.

पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने पर विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े किसान अब आक्रोशित नजर आने लगे हैं. किसानों का कहना है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के सही निगरानी नहीं करने, पानी चोरी पर अंकुश नहीं लगाने और जल वितरण सिस्टम सही नहीं होने की वजह से पानी संकट खड़ा हो गया है. पंजाब के अधिकारियों से सिंचाई पानी छोड़ने की पूरी तरह से मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है.

पढ़ें:केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना

आक्रोशित किसानों ने दी चेतावनी...

किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा से मिलकर सिंचाई सिस्टम में हो रही गड़बड़ी के बारे में कई बार जानकारी भी दी. किसानों ने कहा कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से गंगनहर में पर्याप्त पानी सिंचाई पानी नहीं मिल रहा है. किसानों की रबी की फसल पर इसका असर देखा जा सकता है. इस कारण रबी की फसल में गेहूं, जो, सरसों और चना की फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा. किसानों ने आरोप लगाया कि पिछले 10 माह में सिंचाई पानी की स्थिति किसानों की फसलों के लिए नुकसान दे रही है. किसानों ने जिला कलेक्टर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी कि 7 दिन में सिंचाई पानी की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करेंगे.वहीं, इस पर प्रभारी मंत्री ने किसानों को आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

ABOUT THE AUTHOR

...view details