श्रीगंगानगर.कहते हैं कि जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो भला खेत की रखवाली कौन करेगा. किसानों को पानी वितरण करने वाले जल संसाधन विभाग के अधिकारी भले ही किसानों के हिस्से के पानी को समान रूप से वितरण करने और सिंचाई पानी की रखवाली करने के लिए बाड़ के रूप में नियुक्त किए गए हैं, लेकिन सिंचाई अधिकारी अगर किसानों के हिस्से का पानी चोरी करवाने लग जाएं तो किसानों के पानी की रखवाली कौन करेगा. अधिकारियों पर किसानों की ओर से लगाए जा रहे आरोप तो यही बता रहे हैं कि जल संसाधन विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों के हिस्से का पानी चोरी हो रहा है.
मिलीभगत से किसानों के हिस्से का पानी चोरी गंगनहर की आरबी वितरिका की लक्खा टेल के किसानों ने जिला कलेक्टर और सिंचाई अधिकारियों को सबूत के तौर पर शिकायत की तो सिंचाई अधिकारियों की बोलती बंद हो गयी और अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नही दे पाए. किसानों का आक्रोश बता रहा है कि उनके हिस्से का पानी सिंचाई विभाग नहीं दे पा रहा है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं.
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राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने जल संसाधन विभाग श्रीगंगानगर के अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन देकर बताया कि गंगनहर की आरबी वितरिका की शाखा लक्खा टेल पर मोघा संख्या 87, 88 और 89 आते हैं. इस टेल पर लंबे समय से किसानों की ओर से बार-बार मांग करने पर भी पूरा पानी देने में जल संसाधन विभाग असमर्थ है. जिसकी जांच रायसिंहनगर के उपखंड अधिकारी ने अधिशासी अभियंता से करवाई थी. वहीं जांच में सिंचाई अधिकारी ने मौके पर जाकर अपने निरीक्षण में पाया कि लक्खा टेल आरबी की अन्य माइनरो की अपेक्षा कम चलती पाई गई. जब एक ही नहर की अन्य शाखाओं पर पानी निर्धारित समयानुसार ले रहा है तो लक्खा टेल पर पानी कम क्यों पहुंच रहा है.
इसकी विशेष जांच रायसिंहनगर जल संसाधन विभाग के एक्सईएन द्वारा करने पर यह पता लगा कि यहां से किसानों के हिस्से का पानी चोरी किया जा रहा है. लेकिन फिर भी विभाग के अधिकारी लक्खा टेल के किसानों का पानी चोरी रोकने में असमर्थ है. ऐसे में अब किसानों ने मांग की है कि जल संसाधन विभाग को कार्यवाही कर पानी चोरी को रोका जाए, अन्यथा पीड़ित किसान आर-पार की लड़ाई का एलान करेगें.
साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान जिला कलेक्टर के समक्ष धरना प्रदर्शन कर अपने हक के लिए लड़ेंगे. वहीं किसानों की माने तो उनके हिस्से का पानी चोरी होने से उनकी फसल हर बार बर्बाद हो जाती है और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.