श्रीगंगानगर.जिले के एक किसान ने अनूठी मशीन तैयार की है. फसलों में डाली जा रही अत्यधिक पेस्टीसाइड (Pesticide) से चिंतित होकर एक मैकेनिक ने ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन (automatic tractor mounted sprayer machine) तैयार की है, जो खेती में किसानों को कई तरह से फायदा देगी. ये मशीन उचित मात्रा में पेस्टीसाइड का छिड़काव करेगी. साथ ही इस मशीन के उपयोग से किसान को पैसे, श्रम और समय तीनों की बचत होगी.
किसान अधिक उपज लेने के लिए फसलों में अंधाधुंध पेस्टीसाइड करते हैं. फसलों में डाले जाने वाला अधिक पेस्टिसाइड ना केवल मनुष्य के जीवन पर घातक प्रभाव डाल रहा है बल्कि जमीन की उर्वरा शक्ति को भी कमजोर कर रहा है. हालांकि, किसानों को फसलों में कम पेस्टीसाइड डालने के लिए कृषि विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर बताया जाता है लेकिन पेस्टिसाइड इस्तेमाल का कोई पैमाना नहीं होने के चलते किसान इसका अंधाधुंध इस्तेमाल करते हैं. इससे चिंतित होकर श्रीगंगानगर के दौलतपुरा गांव के एक मैकेनिक ने ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन तैयार की है.
अमर सिंह खुद खेती करते हैं लेकिन खानदानी पेशेवर मकैनिक होने के चलते वह बुवाई-जुताई से लेकर तमाम प्रकार के कृषि में काम आने वाले औजारों बनाते हैं. फसलों में कम से कम पेस्टीसाइड इस्तेमाल करने के लिए मैकेनिक अमर सिंह ने एक ऐसी मशीन ईजाद करने की ठानी, जिससे सही मात्रा में पेस्टीसाइड डाला जा सके. जिसके बाद अमर सिंह ने ट्रैक्टर माउंटेड मशीन तैयार कर ली. किसान मनप्रीत सिंह बताते हैं कि मशीन से पानी और पेस्टीसाइड के अलावा लेबर की काफी बचत होती है. जिससे किसान का खर्चा मशीन एक साल में ही पूरा कर देगी.
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वहीं दौलतपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश बेरड मशीन को देखने के बाद कहते हैं कि आधुनिक तकनीक से बनी ओटोमैटिक मशीन किसानों के लिए काफी कारगर साबित होगी. इस मशीन से बागों और फसलों में स्प्रे करने से किसान के काफी खर्चे कम हो जाएंगे.
ऐसे काम करती है मशीन
ड्रोन की तरह बनी ट्रैक्टर माउंटेड इस मशीन को ट्रैक्टर पर सेट किया जाएगा. ट्रैक्टर के पीछे के हिस्से में एक बड़ा प्लास्टिक का ड्रम रखा जाएगा. ट्रैक्टर पर लगी मोटर सीधे डिग्गी से पानी उठाकर ड्रम में डालेगी. ड्रम से निकली ऑटोमेटिक गन मशीन से जुड़ी रहेगी. ड्रोन की पंखुड़ियों को किसान सुविधा के अनुसार लगाकर बागों और फसलों में स्प्रे कर सकेगा. करीब साठ हजार की लागत से बनाई गई इस मशीन से किसान को फसलों में स्प्रे करते समय लेबर की बचत होगी.