श्रीगंगानगर.शहर के विकास के लिए खर्च होने वाला नगर परिषद का करोड़ों रुपए का बजट बुधवार को बिना किसी चर्चा के ही पारित हो गया. इसके लिए जिला परिषद के सभागार में बैठक रखी गई थी. शहर भर के पार्षदों को आमंत्रित किया गया और निर्धारित तिथि को महज 25 मिनट की अवधि में पक्ष के पार्षदों ने हंगामे के बीच में मेजे थपथपा कर इसे पारित कर दिया.
शहर के विभिन्न वार्डों के पार्षद बैठक में उपस्थित हुए. सभापति करुणा चांडक की उपस्थिति में आयुक्त सचिन यादव ने परिषद के आय-व्यय के स्रोतों के बारे में बताना शुरू किया. उन्होंने विभिन्न मदों के बारे में बताते हुए कहा कि परिषद के बजट के लिए वे पार्षदों को चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं. तभी प्रतिपक्ष नेता बबिता ने अपनी बात कहते हुए जब सभापति और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो सभापति ने गॉड को बीच में ही टोक दिया. उनके टोकने के साथ ही सत्ता पक्ष के पार्षद अनूप बाजवा, संजय बिश्नोई, बंटी वाल्मीकि आदि खड़े हो गए और विरोध जताना शुरू कर दिया. पक्ष के पार्षदों का कहना था कि प्रतिपक्ष नेता या तो भ्रष्टाचार के आरोपों का सबूत पेश करें और भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगाए.
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