श्रीगंगानगर. सभी असिस्टेंट प्रोफेसर शनिवार को जिला कलेक्टर के पास मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लेकर पहुंचे. जिसमें उन्होंने ये मांग रखी है कि उनका परिवीक्षा काल एक साल किया जाए. आपको बता दें कि इसके लिए राज्य के सभी असिस्टेंट प्रोफेसरर्स लंबे समय से कोशिशों में लगे हुए हैं.
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) कि अधिसूचना नई दिल्ली-18 जुलाई 2018, सं. 271 के पेज नं. 39 के बिंदु 11.1 और 11.2 के अनुसार सहायक आचार्यों का परिवीक्षा काल अधिकतम एक साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. उच्च शिक्षा में एक बड़ा वित्तीय भार यूजीसी उठाता है. साथ ही यूजीसी के सभी दिशा निर्देश और नियम राज्य सरकार भी लागू करती है. इस संदर्भ में परिवीक्षा काल एक साल करने के लिए यूजीसी का नियम भी सरकार से लागू करवाने के संदर्भ में लंबे समय से नवनियुक्त सहायक प्रोफेसर कोशिशों में लगे हैं.