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दिवाली में माउंट आबू नगरपालिका में रोशनी के लिए दिए गए टेंडर, ठेकेदारों ने लगाए ये आरोप - दिवाली में नगरपालिका में रोशनी

सिरोही की माउंट आबू नगरपालिका में दिवाली पर रोशनी के लिए दिए गए टेंडर विवादों में आ गया है. ठेकेदार ने पालिका अधिकारियों, कर्मचारीयों पर मिली भगत कर अपने चेहते ठेकेदार को दिवाली पर रोशनी का ठेका देने आरोप लगाया है.

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दिवाली में माउंट आबू नगरपालिका में रोशनी के लिए दिए गए टेंडर

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Published : Nov 12, 2020, 2:13 PM IST

सिरोही. प्रदेश के सबसे धनी नगरपालिका मानी जाने वाली सिरोही जिले की माउंट आबू नगरपालिका में दिवाली पर रोशनी के लिए दिए गए टेंडर विवादों में आ गया है. न्यूनतम दर के ठेकेदार ने पालिका अधिकारियों, कर्मचारीयों पर मिली भगत कर अपने चेहते ठेकेदार को दिवाली पर रोशनी का ठेका देने आरोप लगाया है. पुरे मामले को लेकर राजस्थान कांट्रेक्टर संस्थान ने मुख्यमंत्री सहित एसीबी को पुरे मामले की शिकायत की है. जानकारी के अनुसार प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में दिवाली में भारी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसको लेकर प्रतिवर्ष नगरपालिका द्वारा पुरे शहर में रोशनी करवाई जाती है.

दिवाली में माउंट आबू नगरपालिका में रोशनी के लिए दिए गए टेंडर

रोशनी को लेकर निविदाएं आमंत्रित कर टेंडर दिया जा जाता है. इस वर्ष भी रोशनी का टेंडर लाखों में दिया गया है, जो अब विवादों में पड़ गया है. पुरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री और एसीबी को शिकायत भेजी गई है. राजस्थान कांट्रेक्टर संस्थान द्वारा भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि माउंट आबू नगरपालिका में दीपवाली पर रोशनी के ठेके में पालिका आयुक्त आशुतोष आचार्य ने अनियमितता बरतते हुए अपने चेहते को लाभ पहुंचाया और पालिका कोष में राजस्व का नुकशान किया है. शिकायत में कहा गया है कि पहले ऑफलाइन निविदा आमंत्रित की गई, जो नियमों के खिलाफ है.

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ऑफलाइन टेंडर 5 लाख से कम कार्य के लिए ही आमंत्रित किए जाते हैं, जबकि रोशनी का कार्य करीब 9 लाख रुपए का था, जिसे ऑनलाइन आमंत्रित किया जाता है, पर ऐसा नहीं हुआ है. उसके बाद न्यूनतम दर के ठेकेदार से सांठगांठ नहीं होने पर उसे दरकिनार करते हुए उससे उच्च बोली के ठेकेदार को मिलीभगत करके टेंडर दिया गया, जिससे पालिका को लाखो रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं पुरे मामले को लेकर पालिका के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. मामले की एसीबी में शिकायत के बाद नगरपालिका प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अब देखना होगा कि राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कब तक कार्रवाई हो पाती है.

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