सिरोही. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूर्ण होने पर सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने अकेले धरना दिया. संयम लोढ़ा ने पीएम मोदी से इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर विफलता को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए.
पढे़ं: मोदी सरकार के 7 साल महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, अराजकता और लाशों के ढेर के लिए याद किए जाएंगे: प्रताप सिंह खाचरियावास
संयम लोढ़ा ने कहा कि मोदी वन और टू को मिलाकर कुल सात साल हो गए हैं. इन सात सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गलत नीतियों के कारण देश ने जो भी कुछ आजादी को बाद हासिल किया था वो सबकुछ गंवा दिया है. दूसरे कार्यकाल के दूसरे साल में वो किया जो आजाद भारत के इतिहास में नहीं हुआ. कोरोना महामारी की दूसरी लहर को सबसे खराब ढंग से निपटने वाले विश्व नेताओं में प्रधानमंत्री मोदी शुमार हो गए हैं.
संयम लोढ़ा का पीएम मोदी पर हमला उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश से वायदा किया था कि भारत को वैक्सीनेशन प्रोग्राम तेजी से आगे बढ़ रहा है और वो पूरे देश को वैक्सीनेट करवाने के लिए कटिबद्ध हैं. लेकिन, इसके विपरीत दूसरी लहर आने तक उन्होंने वैक्सीन उत्पादन और ऑर्डर की कवायद नहीं की. जहां अमेरिका ने अपने 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट कर लिया है तो विश्व में सबसे ज्यादा आबादी होने के बावजूद चीन ने अपने 58 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को सिंगल डोज वैक्सीन दे दी है. वहीं भारत के नागरिक वैक्सीनेशन के लिए जूझ रहे हैं.
केन्द्र सरकार निशुल्क वैक्सीनेशन से मुकरने पर सभी राज्य अपने स्तर पर अपने खर्च पर अपने नागरिकों को वैक्सीनेशन के लिए तैयार भी हो गए, लेकिन मोदी सरकार उन्हें वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्यों को वैक्सीन खरीदने पर भी असहयोगात्मक रुख अपना रही है.
संयम लोढ़ा ने कहा कि कर्नाटक में वायरल ऑडियो में ये बात सामने आई है कि निजी चिकित्सालय ज्यादा दाम लेकर वैक्सीन लगा रहे हैं और निशुल्क वैक्सीन देने वाले सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण बंद पड़े हैं. ये मोदी सरकार की वैक्सीन वितरण नीति की सबसे बड़ी विफलता और देश के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा है. नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन के कारण जहां देश के लोगों की आय कम हुई है लोग बेरोजगार हुए हैं. इस पर भी मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा दिए. कोरोना में लाइफ सेविंग ड्रग्स पर टैक्स लगाकर भारत के लोगों के स्वाभिमान के साथ अपनी न्यूनतम जरूरत को पूरा करने से भी महरूम कर दिया है. इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर पार्टी के सक्षम नेताओं को देश की कमान सौंपनी चाहिए.