सिरोही .राज्य सरकार की ओर से आबकारी एवं मद्यसंयम नीति वर्ष 20022-23 एवं वर्ष 2023-24 में राज्य में मॉडल शॉप (raised questions on model shop allocation) का आवंटन लाइसेंस फीस के आधार पर करने के प्रावधान पर विधायक संयम लोढ़ा ने सवाल उठाया है. उन्होंने इसे किसी संस्था या व्यक्ति को अनावश्यक लाभ पहुंचाने वाला कदम बताया है. इस संबंध में विधायक लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर इस पर विचार करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
विधायक ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि आबकारी एवं मद्यसंयम नीति वर्ष 20022-23 एवं वर्ष 2023-24 में राज्य (Rajasthan Excise Policy) में मॉडल शॉप का आवंटन लाइसेंस फीस के आधार पर किए जाने का प्रावधान किया गया है. यह प्रावधान राजस्व अर्जन पर प्रतिकूल प्रभाव दर्शाता प्रतीत हो रहा है. चूंकि आबकारी नीति में राज्य भर में आवंटित की गई मदिरा की खुदरा दुकानात की वार्षिक गारंटी निर्धारित की गई है. जिसके अनुसार प्रत्येक मदिरा दुकान के अनुज्ञाधारियों को निर्धारित लक्ष्य तक मदिरा उठाव करना आवश्यक होता है, जिससे राजस्व अर्जन सुनिश्चित होता है.
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मॉडल शॉप की कोई वार्षिक गारंटी नहींःविधायक ने बताया कि आबकारी नीति में इन मदिरा दुकानों के अलावा जो मॉडल शॉप आंवटित की जा रही है, उनकी कोई वार्षिक गारंटी राशि निर्धारित नहीं है. जबकि इनके लिए मात्र लाइसेंस फीस का प्रावधान है, जो कि अन्य मदिरा दुकानों की वार्षिक गांरटी राशि की तुलना में अत्यल्प है. जिससे राजस्व अर्जन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. विधायक ने कहा कि राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कार्पोरेशन लिमिटेड स्वयं आबकारी विभाग से अनुज्ञापत्र प्राप्त कर मदिरा के क्रय भण्डारण एवं वितरण का कार्य करता है. ऐसे में मॉडल शॉप के लिए नियंत्रण आरएसबीसीएल को दिया जाना उचित नहीं है. आबकारी विभाग प्रदेश में मदिरा दुकानों के संचालन का कार्य स्वयं अपने स्तर पर अनुज्ञाधारियों के माध्यम से करता आ रहा है. उन्होंने कहा कि एक केन्द्रिकृत नियंत्रण व्यवस्था से राजस्व हित के मामलों में आवश्यकता पड़ने पर उचित निर्णय त्वरित गति से लिए जा सकते है. इस प्रकार आबकारी नीति वर्ष 2022-23 व 2023-24 में मॉडल शॉप के लिए किए गए प्रावधान,मॉडल शॉप के आवंटन की प्रक्रिया एवं आवंटन के बाद दुकान के लोकेशन के नियमों में बिना उचित कारण के परिवर्तन करना सही प्रतीत नहीं होता है.