सिरोही.वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन ने हमें चांद पर पहुंचा दिया. यह सब घटनाएं मानव के भौतिक विकास की परिचायक हैं. हमने बड़े-बड़े कारखाने, रेल पटरियां बनाईं, उद्योग स्थापित किए लेकिन जब आध्यात्मवाद की बात आती है, तो हम बहुत पीछे चल रहे हैं. भौतिकवाद और आध्यात्मवाद जब एक-दूसरे का सहायक बनता है, तो वह पूर्णता की ओर बढ़ता है. ब्रह्माकुमारीज इन दोनों चिंतन को लेकर आगे बढ़ रही है. एक महान साइंटिस्ट ने कहा था कि साइंस, विज्ञान और आध्यात्मवाद जब एक-दूसरे के पूरक बनते हैं, तो वह इस परमात्मा द्वारा बनाई गई सृष्टि का आनंद लेते हैं. यह बात गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कही.
आबूरोड के ब्रह्माकुमारीज संस्थान स्थित डायमंड हाल में आयोजित कला-संस्कृति प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलन कर सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया. इसमें देशभर से कला और संस्कृति प्रेमी भाग ले रहे हैं. ब्रह्माकुमारी में सकारात्मक परिवर्तन की कला से आनंदमय जीवन विषय पर संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य ने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार ये मानव के शत्रु हैं. असली विजय अंदर की विजय है. हमारे चिंतन में, वेदों में बाहर की जीत को जीत नहीं माना जाता था. असली जीत हमारे अंदर की जीत है. अंदर के शत्रुओं को जीतने वाला ही विजेता है.
पढ़ें:राज्यपाल ने वनों की सुरक्षा और संरक्षण में जन भागीदारी को बताया जरूरी, बोले-अब सजग रहने की जरूरत
पहले युद्ध मन की भूमि में लड़े जाते हैं:राज्यपाल ने कहा कि यूएनओ के विधान में एक बात लिखी है, जो युद्ध मैदान में लड़े जाते हैं, वह युद्ध पहले मानव मन की भूमि में लड़े जाते हैं. कोई सकारात्मक सोच को लेकर किसी से लड़कर दिखाए. कोई पहले मन को दूषित करेगा, क्रोध की आग, ईर्ष्या में जलाएगा, तब ही दूसरों को दुख दे सकता है. राजयोग से ही मन पूरा नियंत्रण में आएगा. जीवन को सकारात्मकता की दिशा में बढ़ाएंगे तो पवित्रता आएगी, आनंद आएगा. यह चिंतन साधु-संत और ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा लोगों को दिया जा रहा है.