सिरोही. जिले में लगातार क्राइम में पुलिस की मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं. अब एक और नया मामला सामने आया है. हिल स्टेशन माउंट आबू में सट्टे के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. यह कार्रवाई एसपी धर्मेंद्र सिंह की ओर से भेजी गई स्पेशल टीम ने की है. इस मामले में भी स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं. एसपी धर्मेंद्र सिंह ने मिलीभगत के आरोप में एक एएसआई और एक कांस्टेबल को निलंबित किया है. साथ ही कई और पुलिसकर्मी और अधिकारियों के इस खेल में शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
माउंट आबू फिर एक बार चर्चाओ में आ गया. इस बार चर्चा में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आया है. यहां खेले जा रहे अंतराष्ट्रीय स्तर के सट्टे की भनक जैसे ही एसपी धर्मेंद्र सिंह को लगी तो 19 जनवरी को जिला पुलिस स्पेशल टीम को मौके पर भेज बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जिसमें 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 13 लाख का हिसाब 4 लेपटॉप, 2 कम्प्यूटर, 36 मोबाईल, एक कार और 9530 रूपये नकद बरामद किए गए थे.
स्थानीय पुलिस ने किया इनकार, एसपी ने की कार्रवाई
पकड़े गए आरोपियों में सट्टा किंग घनश्याम धोलिया भी शामिल है. जानकारी में सामने आया की सट्टे का अवैध कारोबार लोकल पुलिस की देखरेख में पिछले एक हफ्ते से चल रहा था. एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव को कार्रवाई से दो दिन पहले इस खेल की भनक लग गई थी. इसपर माउंट आबू के अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने इस तरह के 'खेल' से नकार कर दिया. इस पर एसपी अपने स्तर टीम भेज पुरे खेल का भंडाफोड़ किया.
गौरतलब है कि सिरोही पुलिस पर पूर्व में एसपी हिम्मत अभिलाष टांक पर शराब तस्करों के साथ मिलीभगत के आरोप लगे और पुलिस की बड़ी बदनामी हुई थी. जिसके बाद जिले की कमान एसपी धर्मेंद्र सिंह को सौंपी गई. पुलिस कप्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती है अपराध में पुलिस की संलिप्तता को ख़त्म करना. बरलूट थाने में डोडा तस्करों के साथ मिलीभगत और तस्कर को भगाने के मामले में एसपी की ओर से गई बड़ी कार्रवाई के बाद जिले पुलिस अधिकारियो और कर्मचारियों में भय नहीं है. ऐसे में अब फिर से पुलिस की छवि खराब होती नजर आ रही है. इससे पूर्व भी माउंट आबू में नेता प्रतिपक्ष पर दिन दहाड़े हमले मामले में पुलिस के सामने आरोपियों की ओर से मुख्य गवाह को धमकाने के आरोप लग चुके हैं.