सिरोही. सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी का देहावसान हो गया. वे 104 साल की थी और माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में 27 मार्च को सुवह 2 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.
राजयोगिनी दादी जानकी का निधन राजयोगिनी दादी जानकी दुनिया की एकमात्र महिला थीं, जिन्हें मोस्ट स्टेबल माइंड इन वल्र्ड का खिताब मिला था. स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एम्बेसडर डॉ. दादी जानकी का अंतिम संस्कार सायं 3.30 बजे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में होगा.
दादी जानकी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शोक व्यक्त किया है.
जानकारी के अनुसार दुनिया में दादी के नाम से मशहूर राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म 1 जनवरी, 1916 को हैदराबाद सिंध (जो अभी पाकिस्तन में है) में हुआ था. उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में ही इस आध्यात्मिक पथ को अपना लिया था. सन् 1970 में भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्यों और राजयोग का संदेश देने के लिए पश्चिमी देशों का रुख किया था.
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विश्व के 140 देशों में उन्होंने ब्रह्माकुमारी केन्द्रों की स्थापना कर लाखों लोगों के अन्दर एक सच्चे मानव के संस्कार का बीज बोया था. ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि के देहावसान के पश्चात सन् 27 अगस्त, 2007 को वे संस्थान की मुख्य प्रशासिका बनी.
दादी जी नारी शक्ति की अनुपम मिसाल थीं. उनके सान्निध्य में तकरीबन 46 हजार युवा बहनों ने अपना जीवन ईश्वरीय सेवा में समर्पित किया. वे इन 46 हजार युवा बहनों की अभिभावक थी. दादी जानकी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.