सिरोही. राजस्थान में दो बुजुर्ग भाइयों रावताराम और हीराराम देवासी (Rawatram and Hiraram Dewasi Death in Sirohi) की मौत इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. ये दोनों भाई हमेशा साथ रहते थे. अब इसे महज इत्तेफाक कहें या दोनों के बीच अटूट रिश्ता, जो मरने के बाद भी नहीं छूटा.
अक्सर शादी के बाद भाइयों के बीच घरों में दीवार खिंचने और तलवारें तनने के वाकया सामने आते रहे हों, लेकिन सिरोही दो भाइयों की मोहब्बत की मिसाल बनी है. जन्म में भले साल-दो साल का फैसला रहा हो, लेकिन इन भाइयों का साथ हमेशा रहा. संयोग ऐसा कि दोनों का विवाह भी एक ही दिन हुआ और दोनों ने जिंदगी का सफर भी एक ही दिन (two real brothers died same day) पूरा किया. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सिरोही जिले में दो बुजुर्ग भाइयों रावताराम और हीराराम देवासी की.
दो भाइयों के अजब प्रेम की गजब कहानी दोनों भाई हमेशा साथ रहते थे. करीब 75-90 वर्ष की उम्र में इन दोनों भाइयों ने आखिरी सांस भी महज 15-20 मिनट के अंतराल में ली. जन्म के बाद से जीवनभर दोनों भाइयो में इतना प्यार रहा कि पूरे क्षेत्र में उनकी मिसाल दी जाती थी. दोनो भाइयों की एक साथ स्वाभाविक मौत भले एक संयोग हो, लेकिन साथ जीने की कसम को तो निभा ही दिया. मौत के बाद दोनों भाइयों को पास-पास ही चिता लगाकर परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार किया गया.
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रावताराम और हिराराम देवासी के परिवार में कुल 11 भाई-बहन हैं, जिसमें सबसे बड़े रावताराम के पुत्र भिखाराम हैं. भिखाराम बताते हैं कि पिताजी और चाचा जी में बहुत गहरा प्रेम था. रोजना एक दूसरे का हाल पूछते थे. उनके पिता रावताराम की उम्र करीब 90 वर्ष थी, जिनकी मौत के बाद (Two Broters Lived Together and Died Togethe) उनके चाचा हिराराम देवासी भी चल बसे.
शादी भी साथ, मौत भी साथ...