सीकर. कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि इसका विस्तार हो रहा है. अब यह शहर से लेकर गांव तक में पांव पसार रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में मौतों की संख्या में भी लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है जिसे नियंत्रण करने के लिए प्रशासन एवं सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में जिले के लक्ष्मणगढ़ कस्बे के खीरवा गांव में गत दिनों हुई मौतों के बाद मुस्लिम समाज के युवाओं ने राशि एकत्रित कर मदरसे में ही कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की है. इसमें अब तक 25 लोगों का इलाज किया जा चुका है. इनमे से कुछ लोग ठीक होकर अपने घरों को भी लौट गए हैं.
मदरसे में कोविड केयर सेंटर बनाया पढ़ें: Special: अलवर को मिलेगी 'प्राणवायु', जिले में जल्द लगाए जाएंगे 23 ऑक्सीजन प्लांट
मदरसे में कोविड सेंटर की शुरुआत
गांव की मस्जिद के मौलवी मौलाना हसन महमूद कासमी ने बताया कि गत दिनों गांव में प्रतिदिन एक या दो मौतें हो रहीं थीं. ऐसे में कोरोना संक्रमण के भय को देखते हुए मामले को संवेदनशील मानते हुए गांव में सैंपलिंग का कार्य ज्यादा से ज्यादा करवाया गया. समाज के लोगों से बातचीत कर मदरसे में ही कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की गई, जिसमें गांव के युवाओं ने आगे बढ़कर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई. ऐस में अब गांव के किसी व्यक्ति में संक्रमण से संबंधित लक्षण मिलते हैं तो वह जांच करवा कर कोविड सेंटर आ सकता है.
पढ़ें: SPECIAL :कॉरपोरेट संगठनों ने उठाया कोरोना संकट में बीड़ा...जन उपयोगी भवन को बना दिया 100 बेड का अस्पताल
सेंटर में गांव के युवा कर रहे मरीजों की देखरेख
मौलवी ने बताया कि अस्पताल के लिए सभी सुविधाएं एवं संसाधनों जैसे भोजन की व्यवस्था, मशीनें व अन्य उपकरण आदि की उपलब्धता के लिए गांव के ही युवाओं ने राशि एकत्रित की है. इसका परिणाम है कि सेंटर में अब तक कुल 25 से अधिक लोग इलाज के लिए आ चुके हैं. उनका यहां आइसोलेट करने के साथ पूरा ध्यान रखा गया. इनमें कई ठीक होकर जा वापस भी जा चुके हैं. इसके अतिरिक्त सेंटर पर कुछ लोग ओपीडी से दवाइयां लेकर भी जाते हैं. साथ ही रात को भी गांव के तीन-चार युवा यहां रुक कर मरीजों की देखरेख करते हैं.
वैक्सीनेशन शिविर भी लगाया गया
मौलवी ने बताया कि वर्तमान में सेंटर पर दो ऑक्सीजन बेड की सुविधा उपलब्ध है जहां आवश्यकता होने पर मरीज को आक्सीजन प्रदान की जाती है. मौलवी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिनरल वाटर, खिचड़ी, फल आदि नियमित रूप से प्रदान किए जा रहे हैं. चिकित्सा विभाग की ओर से भी गांव में सैंपलिंग का कार्य तेजी से करवाया जा रहा है. गांव में अब तक दो-तीन बार वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन भी किया जा चुका है. इसके साथ ही डोर टू डोर सर्वे कर कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.