सीकर.जिले की सात नगर पालिकाओं में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. अब 31 जनवरी को आने वाले परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बीच सट्टा बाजार भी सक्रिय हो गया है और हार जीत को लेकर सट्टे चल रहे हैं. सीकर के सट्टा बाजार के आकलन को हमेशा काफी हद तक सही भी माना जाता है और चुनाव में यहां का सट्टा चर्चित रहता है. नगर पालिकाओं के चुनाव को लेकर भी सट्टा बाजार ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. जिले की सात नगर पालिकाओं में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बताया जा रहा है. वहीं, ज्यादातर जगह निर्दलीय पार्षद किंग मेकर बनेंगे. इन निकायों में कुछ जगह निर्दलीयों के सहारे जोड़-तोड़ कर भाजपा भी पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमा सकती है.
जिले की बात करें तो रामगढ़, फतेहपुर, श्रीमाधोपुर, खंडेला, रींगस, लक्ष्मणगढ़ और लोसल में चुनाव हुए हैं. सट्टा बाजार के आंकलन की बात करें तो कांग्रेस सातों निकायों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है. हालांकि, कहीं भी पूरा बहुमत कांग्रेस के पक्ष में जाता नहीं दिख रहा है. ऐसे में निर्दलीयों की भूमिका अहम रहेगी और बड़ी संख्या में निर्दलीय चुनाव जीतकर आएंगे. चुनाव के असली नतीजे क्या होंगे यह तो रविवार को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन सट्टा बाजार के आकलन पर सभी की चर्चाएं जारी हैं.
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जिले की सात नगर पालिकाओं में सट्टा बाजार का आंकलन
- रामगढ़ शेखावाटी
यहां की नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है और एक बार फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है. सट्टा बाजार का आकलन है कि यहां की 35 वार्डों में से कांग्रेस 20 वार्ड में जीत दर्ज कर सकती है. वहीं, भाजपा 11 वार्डों में सिमट सकती है और चार जगह निर्दलीय चुनाव जीत सकते हैं.
- फतेहपुर
पिछले दो चुनाव से यहां नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस बार के चुनाव में यहां भी कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बताया जा रहा है और निर्दलीयों के सहयोग से पार्टी पालिका अध्यक्ष बना सकती है. यहां के 55 वार्डों में से सट्टा बाजार का आकलन है कि 24 से 26 वार्डों में कांग्रेस जीत सकती है और 12 से 15 वार्डो में भाजपा जीत सकती है. इसके अलावा निर्दलीयों के खाते में काफी सीटें जाएंगी और वही किंगमेकर बनेंगे.