फतेहपुर (सीकर). पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत कोतवाली पुलिस ने दस वर्ष पहले पेशी के दौरान पंजाब पुलिस की हिरासत से फरार आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की है. आरोपी को दिल्ली से पकड़कर फतेहपुर लाया गया और यहां से जेल भेजा गया.
पुलिस की गिरफ्त में फरार आरोपी पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार विद्यार्थी ने बताया कि सदर थाना इलाके के माण्डेला बड़ा निवासी भंवरलाल पुत्र बल्लाराम 2008 से मादक पदार्थ तस्करी के मामले में अमृतसर की जेल में बंद था. 8 अप्रैल 2011 को धोखाधड़ी के मामले में पंजाब पुलिस के चालानी गार्ड कोर्ट में पेशी पर लेकर आए थे. पेशी के बाद आरोपी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था. तब से वह दिल्ली में रह रहा था.
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आईजी हवा सिंह घुमरिया, एसपी कुंवर राष्ट्रदीप के निर्देशन पर कोतवाल उदय सिंह यादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई. टीम ने पिछले दिनों में आठ वांरटियों को गिरफतार किया है. टीम को जानकारी मिली कि फरार आरोपी दिल्ली में रह रहा है, इस पर पुलिस की टीम ने दिल्ली में डेरा डालकर आरोपी भंवरलाल को गिरफ्तार कर लिया.
यह था मामला
माण्डेला निवासी भंवरलाल 2008 से पंजाब की अमृतसर जेल में बंद था. यहां भंवरलाल के खिलाफ एक धोखाधड़ी का मामला दर्ज था. कोर्ट में पेशी के लिए पंजाब पुलिस की चालानी गार्ड भंवरलाल को पेशी के लिए फतेहपुर लेकर आई थी. पेशी के बाद भंवरलाल हथकड़ी सहित फरार हो गया था. अनुसंधान में चालानी गार्ड की लापरवाली सामने आई व एक स्थानीय व्यक्ति का सहयोग करने की बात भी सामने आई थी. इस पर पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल दलबीर सिंह, कांस्टेबल सरजीत सिंह व शमसेर सिंह को गिरफतार किया गया था. साथ ही सहयोग करने के आरोप में खूड़ी निवासी बाबूलाल खूड़ी का भी चालान पेश किया था. मामले में भंवरलाल 2011 से फरार था.
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नाम बदल कर रह रहा था आरोपी
कोतवाल उदय सिंह यादव ने बताया कि आरोपी फरारी के दौरान गुडगांव और दिल्ली इलाके में रह रहा था. यहां पर वह अपना नाम बदल कर रह रहा था और थोड़े-थोड़े दिन पर फ्लैट बदल लेता था. पुलिस ने जिस वक्त आरोपी को गिरफतार किया उस समय वह दिलीप नाम से इलाके में रह रहा था. दिलीप के नाम से आधार कार्ड भी बनवा रखा था. वह दिल्ली में मार्बल का व्यवासाय करता था.