राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

सीकर : साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कई विभागों की कार्यशैली पर उठाए सवाल

सीकर के फतेहपुर में पंचायत समिति सभागार में हुई साधारण सभा की बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने कई विभागों की कार्यशैली पर सवाल उठाए...

By

Published : Aug 7, 2019, 10:51 PM IST

People's representatives raised questions

फतेहपुर (सीकर).पंचायत समिति सभागार में कई माह बाद हुई पंचायत समिति साधारण सभा की बैठक कोरम के अभाव के कारण करीब एक घंटे देरी से शुरू हुई. एक घंटे बाद बमुश्किल कोरम पूरा हुआ. प्रधान सुनीता कड़वासरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने कई विभागों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.

साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कई विभागों की कार्यशैली पर उठाए सवाल

बैठक में दांतरू सरपंच विद्याधर मील ने कहा कि विद्युत निगम के जीएसएस की हालत खराब है. उन्होंने जीएसएस पर कार्यरत कर्मचारियों पर नशे में रहने के गंभीर आरोप लगाए. साथ ही कहा कि कर्मचारी जनप्रतनिधियों का फोन भी नहीं उठाते हैं. इस पर पंचायत समिति सदस्य विकास भास्कर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इन आरोपों का समर्थन किया. इस पर विद्युत निगम के अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पढ़ें.सीकर : सड़क किनारे बने गड्ढे बन सकते हैं हादसों के कारण, अधिकारी बेपरवाह

सरपंच मील ने राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के सही मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण इसमें जबरदस्त भष्ट्राचार का अंदेशा है. ऐसे में इसकी जांच की जानी चाहिए. वहीं, पंचायत समिति सदस्य तौफिक हेतमसर ने खाद्य सुरक्षा योजना, गोडिय़ा गांव के रास्ते पर जल भराव का मुद्दा उठाया. बैठक के दौरान सरपंच संघ के अध्यक्ष विद्याधर बगडिय़ा ने फतेहपुर तहसीलदार के कार्यशैली व व्यवहार पर सवाल खड़े किए। वहीं, बैठक के दौरान अधिकारियों के नहीं आने पर सदस्यों ने ऐतराज जताया.

पढ़ें.अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में माकपा का विरोध-प्रदर्शन

सरपंच विद्याधर मील ने कहा कि कॉपरेटिव से जुड़ा कोई अधिकारी नहीं आया, कृषि मण्डी से कोई अधिकारी नहीं आया, पुलिस विभाग से कोई नहीं आया ऐसे में बैठकों का क्या औचित्य है. इस पर बीडीओ व एसडीएम ने फोन करके अधिकारियों को बुलाया. बैठक के दौरान कई सरपंचों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर जमकर सवाल उठाए. सदस्यों ने एक स्वर पर गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने का मामला उठाया. सरपंचों व सदस्यों ने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग की बीएसआर रेट ग्राम पंचायतों से डेढ़ गुणा ज्यादा है। उसके बाद भी इनकी बनाई हुई सड़कें तीन माह में टूटना शुरू हो जाती है. उन्होंने कहा कि सरपंच जो सडक़ बनाते है वह दस साल तक नहीं टूटती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details