दांतारामगढ़ (सीकर). खाटूश्यामजी कस्बे को ग्राम पंचायत से नगर पालिका में परिवर्तन करने से आम लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ है. ग्राम पंचायत के समय लोगों को मनरेगा सहित अनेक रोजगार के साधन उपलब्ध थे. लेकिन राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत से नगर पालिका बनाकर लोगों के साथ में खिलवाड़ किया है.
ग्राम पंचायत से नगर पालिका बनने पर लोगों को रोजगार के लिए आशा बंधी थी कि उन्हें रोजगार मिलेगा. लेकिन उन्हें अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. पार्षद प्रतिनिधि शंकर बलोदा और भागचंद लामिया के नेतृत्व में लोगों ने नगर पालिका पर विरोध प्रदर्शन किया और 11 सूत्री मांगों का मांग पत्र अधिशासी अधिकारी कमलेश कुमार मीणा को सौंपा.
मांग पत्र में आवास एवं कमर्शियल पट्टे जारी करने के नाम से हो रही अनियमितता को बंद करने के साथ ही, विशेष अभियान लगाकर स्थानीय लोगों को निशुल्क रूप से पट्टे जारी करने की मांग की गई है. वहीं मांग की गई है की, नगर पालिका के गठन से पूर्व बसी कॉलोनियों को शहरी निकाय के नियमों के अनुसार नियमित करके स्वीकृत किया जाए और उन कॉलोनियों में सभी मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करने की भी मांग आमजन की ओर से की गई है.
पढ़ें-सीकर: दातारामगढ़ में झमाझम बारिश, लोगों के घरों तक में घुसा पानी
इसके साथ ही समस्त धर्मशालाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार, न्यूनतम वेतन मजदूरी का निर्धारण, विभागीय स्वीकृति के तहत चलने वाले ई रिक्शा, हाथ ठेला आदि चलाने के लिए नगर पालिका प्रशासन की ओर से स्वीकृति, खाद्य सुरक्षा योजना को तुरंत प्रभाव से योजना से जोड़ने, नगर पालिका क्षेत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर सामुदायिक भवन राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश को ध्यान में रखते हुए भवन बनाने की प्रक्रिया को शीघ्र अमल में लाने जैसे अन्य मुद्दों पर भी जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है.