सीकर. देशभर में भले ही नेताओं के लिए अब लाल बत्ती चलन में ना हो लेकिन नेताओं के लिए राजनीतिक नियुक्तियों में मंत्री का दर्जा मिलने को आज भी लालबत्ती मिलना ही कहा जाता है. अगले कुछ समय में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती हैं. इसे लेकर भले ही सरकार के स्तर पर तैयारियां चल रही हो, लेकिन स्थानीय नेताओं ने इसके लिए दौड़ भाग करनी शुरू कर दी है.
प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सीकर जिले के कांग्रेसी नेता हमेशा ही सरकार के समय पावर में रहे हैं. इस बार कांग्रेस सरकार के शासन में सीकर के बड़े नेताओं को तवज्जो नहीं मिल पाई, लेकिन अब माना जा रहा है कि जल्द ही कई नेताओं को लाल बत्ती से नवाजा जा सकता है.
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के दबदबे के चलते पिछली कांग्रेस सरकार में सीकर जिले में चार लोगों को कैबिनेट मंत्री या उनके समकक्ष दर्जा हासिल था. श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्रसिंह शेखावत विधानसभा अध्यक्ष थे तो सीकर विधायक राजेंद्र पारीक उद्योग और आबकारी मंत्री थे.
वहीं कांग्रेस पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया गया था तो वहीं एससी वर्ग के बड़े नेता परसराम मोरदिया को आवासन मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा दिया गया था. इस बार मौजूदा सरकार में सीकर के इन बड़े नेताओं को सत्ता में भागीदारी नहीं मिल पाई है.