अलवर. खाटू श्याम मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी है. इस बार मंदिर में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. वहीं, कोलकाता और बेंगलुरु के फूलों से बाबा श्याम के मंदिर को सजाया जा रहा है. बंगाल से आए विशेष कारीगर काम में लगे हुए हैं. मेले के दौरान 40 से 50 लाख लोगों के आने की संभावना है.
10 दिनों तक चलेगा खाटू श्याम का मेला: खाटू श्याम मंदिर के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान में ही नहीं पूरे देश में खाटू श्याम का मेला अपनी खास पहचान रखता है. करीब 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में देश-विदेश से 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है. श्याम मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. कोलकाता, बेंगलुरु और विदेशी फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार होगा. आमतौर पर दिल्ली के फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाता है, लेकिन मेले के दौरान खास फूल मंगवाए जाते हैं. प्रतिदिन हवाई जहाज से फूल जयपुर एयरपोर्ट पहुचते हैं और वहां से विशेष गाड़ी से खाटू आते हैं.
मंदिर समिति और श्रृंगार कार्य में लगे लोगों ने बताया कि करीब 100 किलो फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाता है तो पूरे खाटू मंदिर को बंगाली कारीगर सजाते हैं. हर साल बंगाली कारीगर ही मंदिर को सजाते हैं.
मंदिर से बाहर चढ़ेंगे निशानः प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु निशान लेकर मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन अब श्रद्धालु मंदिर में निशान नहीं चढ़ा पाएंगे. मंदिर से बाहर ही निशान चढ़ाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही प्रसाद चढ़ाने के लिए भी 35 से 40 ज्यादा जगह प्रसाद के बर्तन लगाए गए हैं. यहां श्रद्धालुओं को खुद ही अपना प्रसाद चढ़ाना होगा. मंदिर समिति की तरफ से लगातार लाउडस्पीकर की मदद से श्रद्धालुओं को प्रसाद खोल कर रखने और लाइनों में लगे बर्तनों में प्रसाद चढ़ाने की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा बीते सालों की तुलना में इस बार श्रद्धालु कम समय में बाबा के दर्शन कर पाएंगे. लखदातार मैदान में लगी जिक जैक लाइनों से गुजर कर मुख्य लाइनों में श्रद्धालु पहुंचेंगे. शुरुआत में 14 लाइनें तो फिर मंदिर के सामने 10 लाइनों से होकर श्रद्धालुओं को गुजरना होगा. मंदिर समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि पहले की तुलना में आधे समय में श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर पाएंगे.
कोलकाता-बेंगलुरु के इन फूलों से होगा श्रृंगारः श्याम बाबा का श्रृंगार हमेशा पचरंगा होता है, उसमें सभी रंग मिले हुए होते हैं. कोलकाता से गुलाब, रजनीगंधा, बेला, स्टिक, ग्लेडियस, जरबेरा, आरकेट, लिली, घोड़ा पाम के पत्ते, गोल्डेन पत्ता, इलाइची पत्ता, जिप्सी, सनम इंडिया नाम के फूल और पत्ते आते हैं. इसी तरह से बेंगलुरु से सदाबहार, सूरजमुखी, गुल मेहंदी, कोसमोस, जीनिया, मोरकेस, सिलोसिया, गुलाब ताजमहल, डालिया, केलडोला, कैमेलिया, अमेरिकन आरौल मिली, गुलदावरी, गेंदा, लेटीवट, बेबी डॉल, पेंजी, स्ट्रॉबेरी, आर्किड फूलों की किस्म मंगाई जाती है. इसके अलावा थाईलैंड से एथनियम, आरगेट, जेजी के साथ ही गुलाब, लिली और गुलदावदी आदि फूल भी मंगवाए जाते हैं. यह फूल देखने में सुंदर होते हैं. साथ ही कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं.