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Jat Mahakumbh in Jaipur: प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील बोले- जो पार्टी जाट को मुख्यमंत्री बनाएगी, उसे ही वोट देंगे - Jat Mahasabha state President Rajaram Meel

जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने (Jat Mahakumbh in Jaipur) सीकर में कहा है कि जो पार्टी जाट को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देगी उसे ही राजस्थान के जाट वोट देंगे.

State President Rajaram Meel took meeting in Sikar
सीकर में प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने ली बैठक

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Published : Feb 19, 2023, 10:53 PM IST

सीकर. जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में 5 मार्च को जाट महाकुंभ आयोजित होने जा रहा है. इसकी तैयारियों को लेकर रविवार को जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सीकर के दौरे पर रहे. इस दौरान राजाराम मील ने जाट समाज को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जाट समाज में सुधार की काफी संभावना है, जिसको लेकर 5 मार्च को प्रदेश भर के जाट समाज बंधुओं के संयुक्त रूप से महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. इसमें सभी राजनीतिक संगठनों के जाट समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया है.

जाट आरक्षण हुआ कमजोर :राजाराम ने कहा कि जाटों का आरक्षण कमजोर पड़ चुका है. चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य की, कोई भी हमारी मांग नहीं सुन रहा है. राजस्थान के जाटों की गिनती कमजोर समाज में होने लगी है. कई समाजों की गिनती ओबीसी में होने लगी है. ओबीसी की संख्या राजस्थान में 55 प्रतिशत है, जबकि जाटों की संख्या भी 20 प्रतिशत के लगभग है. इसलिए जाटों को भी उनका हक मिलना चाहिए. जाट समाज मुख्य रूप से किसान वर्ग है, लेकिन आज जमीनों में पानी सूख चुका है. इसलिए शिक्षा के अलावा हमारे सामने कोई रास्ता शेष नहीं बचता. ऐसे बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए ओबीसी आरक्षण की वर्तमान विसंगतियों को दूर कर उसे जनसंख्या के अनुपात में लागू करवाए जाने की मांग की जाएगी.

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मील ने की जातिगत जनगणना की मांग :राजाराम मील ने जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए कहा कि जाट समाज की मुख्य मांग है कि आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना को शामिल किया जाए और उसी आधार पर आरक्षण दिया जाए. वर्तमान में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के बाद 50 प्रतिशत की बाध्यता समाप्त हो गई है तो एससी, एसटी समेत अन्य वर्गों की तरह ही जाटों को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए.

उन्होंने कहा कि आज जाटों को कमजोर आंका जा रहा है इसलिए उनको शक्ति दिखाना आवश्यक है. राज्य सरकार ने सभी जातियों के बोर्ड बनाए, लेकिन जाटों के महाराजा सूरजमल या फिर वीर तेजाजी महाराज के नाम पर बोर्ड का गठन नहीं किया. पिछले 22 वर्षों में कई आंदोलन किए लेकिन प्रतिफल नहीं मिला.

75 वर्ष से किसी पार्टी ने मुख्यमंत्री नहीं बनाया :राजाराम ने कहा कि राजनीतिक दल वोटों के लिए जाटों को प्रदेशाध्यक्ष तो बनाती है लेकिन सीएम नहीं बनाती है. प्रदेश में 20 प्रतिशत जनसंख्या जाटों की होने के बावजूद आज तक किसी भी पार्टी ने जाट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया. समाज का महाकुंभ गैर राजनैतिक है जो कि पूर्णतय: शांतिपूर्ण ढंग से होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जाट के बगैर कोई भी सरकार नहीं बन सकती. महाकुम्भ में दोनों पार्टियों के प्रतिनिधियों को बुलाया है. पार्टी मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देगी, राजस्थान का जाट उसी पार्टी के पक्ष में वोट करेगा.

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सामाजिक बिन्दुओं पर होगी चर्चा :राजाराम ने बताया कि महाकुम्भ में जाटों को सशक्त बनाने, सामाजिक व राजनैतिक एकजुटता कायम कर समरसता लाने, जातिगत जनगणना का प्रस्ताव, वीर तेजाजी या महाराजा सूरजमल के नाम पर बोर्ड बनाने को लेकर चर्चा होगी. साथ ही समाज के सभी विधि सम्मत संगठनों को शामिल कर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर गर्वनिंग काउंसिल, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए जिले वार जाट छात्रावासों का निर्माण, बुद्धिजीवियों के संगठन का गठन, शिक्षा व खेलों में उभरते हुए छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित कर आर्थिक सहयोग करने जैसे बिंदुओं पर भी चर्चा होगी.

उन्होंने सीकर से ज्यादा से ज्यादा जाट समाज बंधुओं को कार्यक्रम में पहुंचने का आह्वान किया है. राजाराम मील ने पहले सीकर में फिर लक्ष्मणगढ़ और अंत में फतेहपुर शेखावाटी में जाट समाज के बंधुओं की मीटिंग ली. बैठक के दौरान जाट महासभा प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील, पूर्व विधायक रणवीर सिंह पहलवान, प्रदेश महासचिव जगदीश फौजी, जिला अध्यक्ष अमित पूनिया सहित समाज के लोग कार्यक्रम में शामिल रहे.

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