सीकर. राजस्थान में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान की खुलने की घोषणा हो चुकी है. सारे शिक्षण संस्थान 18 जनवरी से खुल रहे हैं, लेकिन इन 9 महीनों में सीकर शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले शिक्षण संस्थानों की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है. अनुमान के अनुसार सीकर में शिक्षण संस्थान से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े व्यवसायों को 2 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.
कोरोना महामारी के कारण पिछले 9 महीने से शिक्षण संस्थान बंद हैं. स्कूल, कॉलेज, कोचिंग बंद होने से इनसे जुड़े लोगों को काफी नुकसान तो हुआ ही, साथ ही हॉस्टल, मकान किराया, रेस्टोरेंट्स ढाबे, लाइब्रेरी, चाय थड़ी सारे छोटे-मोटे व्यवसाय को झटका लगा है. इन सारे व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति 9 महीने में डांवाडोल हो चुकी है.
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सीकर शहर के पिपराली और नवलगढ़ रोड इलाके तो ऐसे हैं, जो पूरी तरह से कोचिंग और स्कूल इंडस्ट्री के भरोसे चल रहे थे. यहां पर न केवल कोचिंग और स्कूलों में हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा था बल्कि इनके आधार पर ही आसपास के लोगों के कई तरह के रोजगार चल रहे थे. पिछले 9 महीने में ऐसी नौबत आ गई है कि कई हॉस्टल और अन्य संस्थान बिकने के कगार पर पहुंच गए. वहीं कई टिफिन सेंटर और रेस्टोरेंट्स वालों का बिजनेस खत्म हो गया. ऐसे में कई टिफिन सेंटर बंद हो चुके हैं.
कोचिंग और स्कूलों के साथ-साथ यह काम भी हुए पूरी तरह से बंद