सीकर. फाइनेंस कर्मचारी ने बस में बदला गया 15 लाख कीमत के जेवरात से भरा बैग असली मालिक तक पहुंचाया. ईमानदारी का परिचय देने वाले फाइनेंस कर्मचारी की कस्बे में हर कोई प्रशंसा कर रहा है. फाइनेंस कर्मचारी नवोड़ी की ढाणी तन गोविंदपुरा हाल निवासी कांकरोली जिला राजसमन्द का निवासी अजीत सिंह पुत्र उमराव सिंह राजपूत ने बताया कि वह जयपुर से बस में सवार होकर गोविंदपुरा अपने परिचित कि शादी समारोह में शामिल होने के लिए आया था.
लेकिन बस से उतरकर जल्दबाजी में डिग्गी में रखा हुआ बैग गलती से बदला गया. घर पहुंचने के बाद जैसे ही उसने कपड़े बदलने के लिए बैग खोला तो वह दंग रह गया. उसने मामले की जानकारी परिजनों को बताई और बैग के असली मालिक की तलाश शुरू कर दी. चला टोल प्लाजा पर पहुंचकर बस चालक के नंबर लिए और बैग बदलने की जानकारी दी. इस पर चालक ने उसको पीडि़त दंपती के मोबाइल नंबर दे दिए.
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जिसके बाद उसने तुरंत पूंछलावाली तन गोडावास निवासी पीड़ित राजेन्द्र यादव को बैग अपने पास होने की जानकारी दी. पीड़ित दंपती ने कॉल आने की सूचना थानाधिकारी विजय कुमार को दी. थानाधिकारी फाइनेंस कर्मचारी से बात कर उसके घर पहुंचे, जहां फाइनेंस कर्मचारी ने पुलिस के सामने दंपती को उसका जेवरात से भरा बैग लौटा दिया. अपना बैग पाकर दंपती काफी खुश हुआ और युवक को धन्यवाद दिया.
निजी बस में बदला बैग : पूंछलावाली तन गोडावास निवासी पीड़ित राजेन्द्र यादव पुत्र हरिराम यादव आगरा से पत्नी शिवानी को लेकर जयपुर आया. जयपुर से लोक परिवहन बस पकड़ी और सामान डिग्गी में रखकर बस में बैठकर नीमकाथाना के लिए रवाना हो गए. नीमकाथाना पहुंचने पर जैसे ही डिग्गी से बैग उतारने के लिए गया तो बैग नहीं मिला. बैग की जगह उनके बैग से मिलता जुलता दूसरा बैग रखा हुआ था.
बैग में दंपती के कपड़े व 15 लाख रुपये कीमत के जेवरात थे. बैग नहीं मिलने पर पीड़ित दंपती ने बस परिचालक को बताया और बस को चेक किया, लेकिन बस में बैग नहीं मिला. जिसके बाद वे तुरंत कोतवाली थाना पहुंचे और थानाधिकारी विजय कुमार को घटना की जानकारी दी. इस पर थानाधिकारी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम के साथ कार्रवाई करते हुए बैग की तलाश शुरू कर दी. इसी दौरान फाइनेंसकर्मी ने अपने पास बैग होने की सूचना दे दी, तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली.