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सीकर: ग्राम पंचायत बल्लूपुरा में पेयजल किल्लत, लोग परेशान - बल्लूपुरा में पेयजल संकट

सीकर के नीमकाथाना सहित आसपास क्षेत्र में जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे वैसे ही क्षेत्र में पानी की समस्या देखने को मिल रही है. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नीमकाथाना इलाके के बल्लूपुरा में 1 माह से पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है. जिससे महिलाओं को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.

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ग्राम पंचायत बल्लुपुरा में पेयजल किल्लत

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Published : Apr 14, 2021, 1:36 PM IST

सीकर. जिले के नीमकाथाना इलाके में इन दिनों पानी की किल्लत देखने को मिल रही है. गर्मी जैसे जैसे बढ़ रही है, वैसे ही क्षेत्र में पाने की समस्या भी सामने आ रही है. नीमकाथाना के पाटन पंचायत समिति के बल्लूपुरा में 1 माह से पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सीकर के बल्लूपुरा में पेयजल किल्लत

ग्रामीण महिलाएं गंदी नाली के पास बैठकर पीने का पानी भरने को मजबूर हैं, जिससे महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस बारे में ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि विगत एक महीने से पानी की समस्या बनी हुई है. पहले तो कुएं, हैंड पंप, बोरिंग से पानी मिल जाता था, लेकिन वर्तमान में कुओं में भी पानी नहीं आ रहा और किसानों की फसल भी तैयार हो चुकी है. ऐसे में किसानों की बोरिंग भी नहीं चल रही है. जिस कारण गांव की एक ही बोरिंग से गांव में सप्लाई होती है. यही पानी हमको मिल रहा है. ऐसे में रोज दो-तीन घंटे मस्कत कर बड़ी मुश्किल से पीने का पानी का जुगाड़ चल रहा है. पशुओं के लिए एवं नहाने के लिए मजबूरन टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है.

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इस बारे में स्थानीय नेताओं को भी अवगत करवाया गया, परंतु समस्या जस की तस बनी हुई है. वार्ड नंबर एक मीणों के मोहल्ले में कई जगह तो पानी पंहुच ही नहीं रहा, जिस कारण महिलाओं को इधर-उधर भटक पानी लाना पड़ रहा है. गांव के मुकेश मीणा, राजेश मीणा, महेंद्र मीणा, काशीराम, शंकर लाल मीणा आदि ने बताया कि स्थानीय नेताओं को भी कई बार अवगत करवाया, परंतु गांव की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है. मजबूरन महिलाओं को सुबह-सुबह पानी के लिए व्यर्थ समय बर्बाद करना पड़ रहा है. तब जाकर पीने का पानी मिल पा रहा है. मजबूरन महिलाओं को गंदी नाली के पास बैठकर पानी भरने के लिए मजबूर हैं.

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