सवाई माधोपुर.रणथम्भौर में दीवार पर चल रहे बाघ के पास जिप्सी ले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. रणथम्भौर दुर्ग जाने वाले मार्ग पर दीवार पर बाघ की चहल कदमी के दौरान सैलानियों से भरी जिप्सी को चालक पर्यटकों की जान को जोखिम में डालते हुए बाघ के पास ले गया. सैलानियों ने जिप्सी चालक को ऐसा करने से लाख मना किया, लेकिन उसने उनकी एक नहीं सुनी और पर्यटकों की जान को जोखिम में डाल दिया.
पर्यटकों के मना करने के बावजूद भी चालक ने जिप्सी बाघ के पास रोकी बाघ के पास सैलानियों को ले जाने की दूसरी घटनाः
रणथम्भौर में दीवार पर चल रहे बाघ के पास जिप्सी ले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. यह वीडियो पांच फरवरी का बताया जा रहा है. इस वीडियो में जिप्सी चालक को बाघ के पास जिप्सी ले जाने से सैलानी रोक रहे हैं. सैलानी चालक से कह रहे है कि भईया जिप्सी बाघ के पास मत ले जाओ, हमला कर देगा, मार देगा, लेकिन जिप्सी चालक उनकी एक नहीं सुनता और बाघ के पास वापस जिप्सी को ले जाता है.
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जिप्सी में बैठे पर्यटक चिल्ला चिल्लाकर जिप्सी चालक से मिन्नते कर रहे हैं कि बाघ के पास गाड़ी मत ले जाओ, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी और सैलानियों की जान को जोखिम में डालते हुए दीवार पर खड़े बाघ के पास जिप्सी को ले गया. गनीमत रही की बाघ ने सिर्फ सैलानियों को मुड़कर देखा और बाद में पेड़ के पीछे से जंगल में चला गया. बाघ के जाने के बाद सैलानियों की जान में जान आई.
21 जनवरी को भी हुई थी ऐसी ही घटनाः
रणथम्भौर दुर्ग जाने वाले मार्ग पर 21 जनवरी को भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. पर्यटक जिप्सी में बैठे थे और जिप्सी चालक उन्हें छोड़कर कहीं चला गया था. चालक जिप्सी में था ही नहीं. इस दौरान भी बाघ अचानक दीवार पर आ गया और चहल कदमी करता रहा. बाघ को बिल्कुल नजदीक देख सैलानियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई. चालक के नहीं होने से सैलानी चुपचाप जिप्सी में दुबके रहे. इसके बाद बाघ वापस जंगल में चला गया.
एनटीसीए ने मांगा था जवाबः
21 जनवरी की घटना को लेकर मामले में एनटीसीए ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से से जवाब मांगा है. जवाब पेश होता उससे पूर्व ही उसी तरह की दूसरी घटना सामने आई है. इस घटना में जिप्सी चालक बैखोफ होकर जिप्सी को बाघ के नजदीक ले जाता है. पिछली घटना पर एनटीसीए ने सरकार से जवाब मांगा है. इससे पूर्व ही यह दूसरी घटना हो गई. आखिर फिर से वही लापरवाही सामने आई है, जिस पर संज्ञान भी लिया गया था.
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इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि रणथम्भौर प्रबंधन जिप्सी व केंटर संचालकों के दबाव में काम कर रहा है. इससे जिप्सी व केंटर चालक जंगल में ही नहीं बाहर भी बाघों के पास अपने वाहन ले जाते है और उसे घेर लेते हैं. ऐसा लगता है कि रणथम्भौर प्रशासन भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. इसके बाद ही सैलानियों की जान जौखिम में डाल बाघ दिखाने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई करेगा.
इनका कहना हैः
वहीं, रणथम्भौर नेशनल पार्क के सीसीएफ टीकम चंद वर्मा ने कहा कि जिप्सी ने गणेश श्रद्धालु थे सैलानी नहीं. उन्होंने कहा कि मैं जयपुर में हूं, इस बारे में पता कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.